जींद के राजाओं का इतिहास जानना है तो गुलशन के पास आ जाइए
कर्मपाल गिल, जींद जींद का पहला राजा कौन था? उसके बाद कौन-कौन गद्दी पर बैठे? जींद राजा की
कर्मपाल गिल, जींद
जींद का पहला राजा कौन था? उसके बाद कौन-कौन गद्दी पर बैठे? जींद राजा की वंश बेल कहां से शुरू होती है? जींद स्टेट में सबसे लंबे समय तक किसने राज किया? तब राजाओं की ड्रेस कैसी होती थी? यह सब जानना है तो इतिहासकार गुलशन भारद्वाज के पास चले आइए। मंगलवार तक वह अपने इतिहास के खजाने के साथ गीता जयंती महोत्सव में स्टॉल के साथ मौजूद हैं।
आपकी इतिहास में रुचि है तो गुलशन भारद्वाज की स्टॉल पर आपको एक से बढ़कर ऐतिहासिक चीजें देखने को मिलेंगी। उनके पास जींद स्टेट के समय की कई महत्वपूर्ण पुस्तकें हैं। एक किताब में 1910 से 1933 तक का जींद स्टेट का सर्कुलर है। जींद स्टेट की कई स्टांप पेपर हैं, जिन पर अंग्रेजी में जींद की स्पे¨लग अलग-अलग है। एक पर जेईईएनडी तो दूसरे पर जेएचईईएनडी लिखा है। 1905 की एक चिट्ठी पर जींद स्टेट के लोगो के साथ जेएचआईएनडी लिखा हुआ है। जींद के पहले राजा से लेकर आखिरी राजा तक की पूरी वंशबेल है। जींद के कई राजाओं के महत्वपूर्ण फोटो भी हैं, जो कहीं देखने में नहीं मिलते। 1887 में सात साल की उम्र में जींद के महाराजा बने रणबीर ¨सह के कई फोटो हैं। उनके पिता टिक्का बलबीर ¨सह और दादा रघुबीर ¨सह के भी अपने मंत्रियों के साथ फोटो हैं। जींद रियासत के पूर्वजों की वंशावली बताते हुए गुलशन कहते हैं कि राजस्थान में जैसलमेर को बसाने वाले राजा जैसल जींद राजा के पूर्वज थे। उनके वंश के 18वें राजा चौधरी फूल थे, उनके परपोते गजपत ¨सह जींद रियासत के पहले राजा थे। फूल के छह पुत्र थे। इनमें तिलोक के पुत्र गुरदिता ने नाभा रियासत की स्थापना की थी। गुरदिता के भाई सुखचैन के पुत्र गजपत ¨सह ने 1768 में जींद रियासत की स्थापना की थी। जींद स्टेट पर सबसे लंबे समय तक महाराज रणबीर ¨सह ने राज किया है। उनके दादा रघुबीर ¨सह ने उन्हें सात साल की उम्र में गद्दी पर बैठा दिया था। बालिग होने पर जब उन्हें सभी अधिकार दिए तो समारोह में लार्ड कर्जन और तब पंजाब के अंग्रेज गवर्नर भी शामिल हुए थे। एक फोटो में राजा रणबीर ¨सह हाथी पर बैठकर जुलूस के रूप में गुरुद्वारे में जा रहे हैं। उनके पिता बलबीर ¨सह का भी फोटो है, जिन्हें उनके दादा रघुबीर ¨सह ने ही फांसी पर लटकवा दिया था। गुलशन के पास इन सभी जानकारियों के अलावा कोटा, झाबुआ, भरतपुर, जोधपुर, ब्रिटिश इंडिया, अलवर, बड़वानी, पोरबंदर सहित कई रियासतों की कोर्ट फीस टिकटों की पूरी श्रृंखला है। मलेरकोटला सहित अवध के कई नवाबों के फोटो हैं। पटियाला के राजा भूपेंद्र यानि पंजाब के सीएम कैप्टन अमरेंद्र के दादा के फोटो भी हैं। --राजबीर ¨सह थे जींद के आखिरी राजा
वर्ष 1768 में जींद रियासत की स्थापना से लेकर 1948 तक जींद रियासत पर सात राजाओं ने शासन किया। गजपत ¨सह ने 1768 से 1789 तक, राजा भाग ¨सह ने 1789 से 1819 तक, राजा फतेह ¨सह ने 1819 से 1822 तक, राजा संगत ¨सह ने 30 जुलाई 1822 से 2 नवंबर 1834 तक, राजा सरूप ¨सह ने 18 मार्च 1837 से जनवरी 1864 तक, राजा रघुबीर ¨सह ने 31 मार्च 1864 से 7 मार्च 1887 तक, महाराजा रणबीर ¨सह ने 11 अक्टूबर 1887 से 1948 तक शासन किया। जींद रियासत का आखिरी राजा राजबीर ¨सह को माना जाता है, जो आजादी के बाद 1948 में गद्दी पर बैठे थे।
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