हैप्पी स्कूल में हुआ शिक्षक दिवस समारोह
जींद के हैप्पी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में शिक्षक दिवस पर पूर्व राष्ट्रपति डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि दी गई। ...और पढ़ें

जींद : हैप्पी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में शिक्षक दिवस पर पूर्व राष्ट्रपति डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि दी गई। विद्यार्थियों ने भाषण, दोहे, कव्वाली, गीत व नाटक के माध्यम से गुरु के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि किस प्रकार एक शिक्षक ही बच्चों को अंधकार से प्रकाश की ओर, बुराई से अच्छाई की ओर आगे बढ़ाते हुए उसे उसके लक्ष्य तक पहुंचाता है। स्कूल की प्रधानाचार्या गुरमिद्र कौर ने विद्यार्थियों को सम्मानित किया।
गुरु अज्ञानता के अंधकार को करता है दूर : सिहाग
जींद : आधारशिला स्कूल में शिक्षक दिवस पर रविवार को सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया। स्कूल के बारहवीं कक्षा के छात्रों ने समूह गान के माध्यम से अपने गुरु के प्रति आभार व्यक्त किया और कक्षा सातवीं के छात्रों ने समूह नृत्य के माध्यम से अपने शिक्षकों के प्रति अपने पवित्र प्रेम को अभिव्यक्त किया। स्कूल की निर्देशिका अंजू सिहाग ने कहा कि शिक्षक हमारे राष्ट्र के असली निर्माता हैं। गुरु हमें अज्ञानता के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाता है।
गीता विद्या मंदिर में हुआ गुरु वंदन कार्यक्रम
सफीदों : स्वामी निगमबोध तीर्थ गीता विद्या मंदिर सफीदों विद्यालय प्रांगण में गुरु वंदन कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में विद्यालय के छोटे-छोटे बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश गोयल व विद्यालय की मुख्य अध्यापिका रुचि कंसल ने डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की प्रतिमा के आगे दीप प्रज्वलित किया और उनका आशीर्वाद लिया।
श्रीकृष्ण छठी जन्मोत्सव मनाया
संवाद सूत्र, उचाना : पुरानी मंडी में महाराजा अग्रसेन मंदिर में श्रीकृष्ण छठी जन्मोत्सव का आयोजन किया गया। जन्मोत्सव कार्यक्रम में भगवान श्रीकृष्ण के भक्तिमय गीतों पर श्रद्धालु झूमते नजर आए। मंदिर पुजारी अशोक शर्मा ने कहा कि भजन-कीर्तन करने से भगवान प्रसन्न होते है। श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं वो पूर्ण करते है। भजन-कीर्तन में आने से मन को शांति मिलती है तो घर में सुख, समृद्धि का वास होता है। इसलिए भगवान का हरि कीर्तन जरूर सुने। उन्होंने कहा कि हमें गाय की पूजा, सेवा करनी चाहिए। गाय को हिदू धर्म में माता का दर्जा है। गाय माता की सेवा भगवान कृष्ण भी किया करते थे।

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