SI को गोली मारने वाले सुनील कपूर ने देहरादून में की आत्महत्या, हरियाणा पुलिस पर लगा झूठे केस में फंसाने का आरोप
जींद के सुनील कपूर जिसने हरिद्वार में सीआईए एसआई सुरेंद्र प्रकाश को गोली मारी थी ने देहरादून में आत्महत्या कर ली। पुलिस उसे पकड़ने गई थी पर उसने खुद को गोली मार ली। सुनील ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई शुरू की थी और कई स्टिंग ऑपरेशन किए थे। उस पर धोखाधड़ी और आईटी एक्ट के मामले भी थे।

जागरण संवाददाता, जींद। हरिद्वार में जींद सीआईए के एसआई सुरेंद्र प्रकाश को गोली मारने वाले आसरी गेट निवासी सुनील कपूर (35) ने रविवार को देहरादून में सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली। वह देहरादून में रिश्तेदार के घर पर ठहरा था। उसे पकड़ने पहुंची हरियाणा और उत्तराखंड पुलिस की संयुक्त टीम ने सरेंडर करने को कहा, लेकिन उसने स्वयं को गोली मार ली।
सुनील ने 10 साल पहले इंटरनेट मीडिया को माध्यम बनाकर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई शुरू की थी। इंटरनेट मीडिया पर सक्रियता और विभिन्न स्टिंग के कारण वह सुर्खियों में रहा था। उस पर धोखाधड़ी व आईटी एक्ट के दो मामले दर्ज थे। कुछ महीने पहले एक आईपीएस पर महिला पुलिसकर्मियों का यौन शोषण करने के आरोप लगाते हुए महिला आयोग और अन्य अधिकारियों को इंटरनेट मीडिया के माध्यम से पत्र भेजे थे।
इसमें सुनील की दुकान का वाईफाई प्रयोग हुआ था। जींद की सीआईए टीम उसकी तलाश में शनिवार को हरिद्वार पहुंची थी। वहां बस अड्डे पर उसे पकड़ने के लिए दौड़ रहे एसआई सुरेंद्र प्रकाश को दो गोली मारकर फरार हो गया था। इसके बाद हरिद्वार में भी सुनील के विरुद्ध हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। रविवार सुबह पुलिस को सूचना मिली कि सुनील देहरादून में अपने मौसेरे भाई जीतेंद्र की ससुराल में छिपा है।
इसके बाद जींद, हरिद्वार व देहरादून की संयुक्त पुलिस टीम जीतेंद्र को लेकर उसके ससुराल पहुंची। वहां पुलिस काफी देर तक सुनील से सरेंडर करने को कहती रही, लेकिन वह नहीं माना। एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने बताया कि पुलिस से बचने का कोई रास्ता नहीं देख आरोपित ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मार ली।
सामने मौसेरे भाई को देख नहीं कर पाया पुलिस पर फायरिंग
सुनील जिस जगह ठहरा था, वहां तक पुलिस का पहुंचना मुश्किल था। वह तैयारी के साथ कमरे में रुका था। उसके पास काफी कारतूस थे। पुलिस सुनील के मौसेरे भाई जीतेंद्र को ढाल बनाकर उस कमरे में ले गई, जहां तहखाने में वह रुका था। मौसेरे भाई को देख पुलिस पर फायर नहीं कर पाया और खुद को गोली मार ली।
झूठे केस में फंसाने का आरोप
सुनील की रिश्तेदार सारिका ने बताया कि उसे झूठे केस में फंसाया गया। अब तक उसके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिल पाया। हरियाणा पुलिस लगातार उसके पीछे पड़ी थी। सुनील इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय था और करीब 150 अकाउंट थे। उसने 10 साल पहले इंटरनेट मीडिया को माध्यम बना भ्रष्टाचार विरुद्ध लड़ाई शुरू की थी।
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