डीपीएस में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव पर विद्यार्थियों ने सांझा किए विचार
अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती के उपलक्ष्य में डीपीएस जींद के विद्यार्थियों ने विभिन्न तरह की ऑनलाइन गतिविधियों में भाग लिया।

जागरण संवाददाता, जींद : अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती के उपलक्ष्य में डीपीएस जींद के विद्यार्थियों ने विभिन्न तरह की ऑनलाइन गतिविधियों में भाग लिया। इस मौके पर आयोजित वेबिनार में मुख्य वक्ता के तौर पर प्राचार्य सुमित जिदल, अध्यापिका डा. मुकेश व अध्यापक अमर आजाद ने हिस्सा लिया। विद्यालय के सभी शिक्षकों, विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए सुमित जिदल ने कहा कि गीता को केवल पढ़ने मात्र तक सीमित न रखें बल्कि उसे अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाएं। उन्होंने बच्चों को समझाया कि जिस समस्या का समाधान हम कर सकते हैं, उसके लिए चिता करना व्यर्थ है और जिस समस्या का समाधान हम कर नहीं सकते, उसके लिए भी चिता करना व्यर्थ है। अध्यापिका डॉ मुकेश ने बच्चों को गीता के 18 अध्यायों का सारांश व उनकी जीवन में उपयोगिता के महत्व के बारे में बताया। अमर आजाद ने कहा कि आप निरंतर कर्म करते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त करें। झूठ का सहारा न लें और ऐसे कार्य करें जो समाज के लिए हितकर हों। छात्रा बुलबुल ने गीता के श्लोकों का उच्चारण कर उनका गूढ अर्थ समझाया। छात्रा तान्या वर्मा ने सरल भाषा में गीता सार सुनाया। छात्रा तशवी, चेतना, शैलिका, चारू, आस्था, आराध्या, एंजल, छात्र कुणाल, आर्यन, रूद्र प्रताप, हर्ष नैन, तनिष्क, आलोक व हर्षिल श्लोक उच्चारण किया। कक्षा नौवीं व दसवीं के विद्यार्थियों ने भाषण, निबंध लेखन व पेंटिग प्रतियोगिता में प्रतिभागिता की। पेंटिग प्रतियोगिता में उज्ज्वल व शगुन ने, निबंध लेखन में छात्रा नेहा व रीषिका ने तथा भाषण में छात्रा बुलबुल व देवांशिका ने श्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
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