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    Jind News: रधाना गांव की सीमाएं 5 घंटे सील, ग्रामीणों ने दिया पहरा; पशुओं में आई बीमारी के उपचार के लिए किया हवन

    Updated: Mon, 03 Nov 2025 09:02 PM (IST)

    जींद के रधाना गांव में पशुओं में बीमारी फैलने के कारण गांव की सीमाएं सील कर दी गईं। ग्रामीणों ने हवन किया और खीर का प्रसाद बांटा। पशुओं के खुरों में घाव हो गया है और दूध उत्पादन घट गया है। पशु चिकित्सक के अनुसार, पशुओं में मुंह-खुर की बीमारी फैली हुई है, जिसके लिए टीकाकरण किया जाएगा।

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    Jind News: रधाना गांव की सीमाएं 5 घंटे सील। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, जींद। गोहाना रोड पर स्थित गांव रधाना में सोमवार सुबह नौ से दोपहर दो बजे तक गांव की सीमाओं को सील किया गया। इस दौरान पांच घंटे तक ना तो कोई गांव से बाहर गया और ना ही किसी को गांव में प्रवेश करने दिया। ग्रामीणों ने सभी रास्तों पर बंद लगाकर पहरा दिया। घरों में चूल्हे भी नहीं जले और सभी तरह के काम-काज बंद करके ग्रामीण घरों में रहे।

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    ग्रामीणों ने बताया कि पशुओं में बीमारी आई हुई है। कई पशुपालकों के पशु बीमार हैं। पुराने समय से ही अज्ञात बीमारियों के इलाज के लिए गांव की सीमा को बंद करके हवन किया जाता है। जिससे पूरा गांव शुद्ध हो जाता है। सरपंच रामकुमार ने बताया कि इस दौरान कोई खेत में भी नहीं गया। गांव की चौपाल में हवन किया और घरों से दूध एकत्रित करके खीर का प्रसाद वितरित किया।

    साथ ही पशुओं पर गंगाजल व दूध का छिड़काव किया। ग्रामीण नरेंद्र ने बताया कि पशुओं के खुरों में घाव हो गया है। बीमार पशुओं में दूध उत्पादन काफी घट गया है।

    40 से 50 पशुओं में बीमारी आई, उपचार कर रहे: वीएलडीए

    रधाना गांव के पशु अस्पताल में कार्यरत वीएलडीए सोहित मलिक ने बताया कि गांव में 40 से 50 पशुओं में मुंह-खुर की बीमारी आई हुई है। जिनका उपचार किया जा रहा है।
    मंगलवार से गांव में पशुओं को मुंहखुर व गलघोंटू बीमारी की रोकथाम के लिए वैक्सीन भी लगाई जाएगी। जो पशु बीमार हैं, पशुपालक उनको दूसरे पशुओं से अलग रखें। बीमार पशु का झूठा चारा व पानी दूसरे पशु को ना दें।

    क्या होती है मुंह-खुर की बीमारी

    मुंह-खुर की बीमारी भैंस, गायों, सूअरों, भेड़ों और बकरियों जैसे खुर वाले जानवरों में संक्रामक वायरल रोग है। जिसके लक्षण तेज बुखार, मुंह, जीभ और थनों में छाले, अत्यधिक लार और खुरों के बीच घाव हैं। यह बीमारी जानवरों से जानवरों में सीधे संपर्क के साथ-साथ दूषित वस्तु जैसे कपड़ों या चारा से भी फैलती है।