जहर मुक्त थाली के लिए जैविक खेती अपनाएं किसान : डॉ. सुरेंद्र
जागरण संवाददाता, जींद : उप कृषि निदेशक डॉ. सुरेंद्र मलिक ने कहा कि जहरमुक्त थाली के लि
जागरण संवाददाता, जींद : उप कृषि निदेशक डॉ. सुरेंद्र मलिक ने कहा कि जहरमुक्त थाली के लिए जैविक खेती पर बल देना होगा। किसान किसी भी सूरत में अंधाधुंध रासायनिक खादों व दवाइयों का प्रयोग करने से बचें। अंधाधुंध कीटनाशकों के प्रयोग से जमीन की उर्वरा शक्ति कमजोर होती है और कृषि उत्पाद भी जहरीले बन जाते हैं तथा मानव व पशुओं में अनेक बीमारी पनपती हैं। डॉ. सुरेंद्र मलिक शुक्रवार को जाट धर्मशाला में कृषि विभाग द्वारा आयोजित किसान सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
सम्मेलन में किसानों को जैविक खेती विषय पर जानकारी दी गई। डॉ. मलिक ने कहा कि पशुओं के मूत्र में भरपूर मात्रा में नाइट्रोजन तत्व होता है। इसलिए खेत में रासायनिक खाद की जगह पशुओं के मूत्र का प्रयोग किया जा सकता हैं। रासायनिक खाद में भी नाइट्रोजन की मात्रा सर्वाधिक होती है। गोबर की खाद डालने से जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ती है।
उन्होंने कहा कि मिट्टी की जांच करवाकर ही खाद व दवाइयों का प्रयोग करना चाहिए। मिट्टी की जांच से ही पता चलता है कि जमीन को किस तत्व की कितनी जरूरत हैं। किसानों को फसल चक्र अपनाना चाहिए। बदल-बदल कर फसल बोने से फसल उत्पादन अच्छा होता है और जमीन के उर्वरा शक्ति भी लंबे समय तक बरकरार रहती है। अधिक मात्रा में रासायनिक खाद एवं दवाइयां डालने से जमीन की पानी सोखने की क्षमता भी कम हो रही हैं। अगर जमीन पानी सोखेगी नहीं तो रासायनिक खाद एवं दवाइयों के तत्व जमीन की ऊपरी सतह पर ही जमा हो जाएंगे, जिससे फसल उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं।
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