एनएचएम कर्मचारी रहे एक दिन की हड़ताल पर, स्वास्थ्य सेवाओं पर नहीं दिखा असर
एनएचएम कर्मचारी रहे एक दिन की हड़ताल पर स्वास्थ्य सेवाओं पर नहीं दिखा असर ।
जागरण संवाददाता, जींद : स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की प्रदेश कार्य समिति के आह्वान पर वीरवार को एनएचएम कर्मचारियों की लंबित मांगों को लेकर एक दिन की सांकेतिक हड़ताल पर रहे। इस दौरान कर्मियों ने ने सिविल सर्जन कार्यालय के सामने धरना दिया। एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाओं पर कोई फर्क नहीं पड़ा और आम दिनों की तरह ही लोगों को सभी सेवाएं उपलब्ध करवाई गई।
भारतीय मजदूर संघ की तरफ से जिलाध्यक्ष सतबीर, जिलाध्यक्ष संदीप कुंडू ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एनएचएम कोरोना योद्धाओं का शोषण लंबे समय से जारी है। कई बार समझौते होने के बावजूद भी अभी तक जायज मांगों एनएचएम कर्मचारियों को पक्का करने, वेतन विसंगती दूर करने, मुख्यमंत्री की सातवें वेतमान घोषणा को जारी करने, कैशलेस मेडिकल सुविधा लागू करने आदि पर सरकार उदासीन रवैया अपनाए हुए है जबकि इस समय इन्हीं कर्मचारियों की मेहनत के परिणामस्वरूप स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई उपलब्धियां प्रदेश सरकार प्राप्त हुई हैं। प्रदेश महामंत्री जितेंद्र कुमार वत्स ने कहा कि अगर सरकार ने मांगों तो पूरा नहीं किया तो संघ बैठक करके अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा सकता है। मुख्यमंत्री की घोषणा व चार वर्ष बीत जाने के बाद भी एनएचएम कर्मियों की वेतन विसंगति को दूर नहीं किया गया है। संघ मांग करता है कि जल्द से जल्द वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए। एनएचएम कर्मचारियों को 58 वर्ष तक गेस्ट अध्यापकों की तर्ज पर सेवा सुरक्षा प्रदान की जाए। एड्स कंट्रोल सोसाइटी के कर्मचारियों को एनएचएम की तर्ज पर स्टेट शेयर व सेवा नियमों का लाभ दिया जाए। एनएचएम कर्मचारियों की रेग्युलर पालिसी बनाई जाए, आकस्मिक मृत्यु होने पर आश्रितों को नौकरी व 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए। धरने में मुख्य रूप से प्रदेश कार्यालय सचिव गौरव सहगल, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य कुलदीप आर्य, अमित, डा. परमजीत, राकेश, रेणु, इंदू, सुनीता, संतोष, सीमा मौजूद रहे।
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हड्ताल के बावजूद भी नहीं हुई कोई परेशानी
एनएचएम कर्मचारियों के एक दिन की हड्ताल के चलते नागरिक अस्पताल में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने के लिए लोगों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं आने दी गई। इमरजेंसी एवं डिलीवरी सेवाएं ज्यों की त्यों रही। एंबुलेंस सेवा, डिलीवरी हट की सेवाएं, कोविड वैक्सीनेशन, जच्चा बच्चा जांच, आयुष ओपीडी, टीबी जांच व उपचार, स्कूल हेल्थ प्रोग्राम, मानसिक जांच सेवाएं होती रही।
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प्रधान चिकित्सा अधिकारी डा. लोकवीर सिंह ने कहा कि एनएचएम कर्मियों के आंदोलन के बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित नहीं होने दिया गया है। आम दिनों की तरह ही इमरजेंसी सेवाएं जारी रही और ओपीडी भी होती रही। इसके अलावा अस्पताल में आने वाले मरीजों को दवाइयां व अन्य सुविधाएं आम दिनों की तरह ही मिली हैं।
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