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    खाली प्लाटों में पल रहे मच्छर, स्वास्थ्य विभाग को डेंगू, मलेरिया फैलने का सता रहा डर

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 17 Aug 2021 08:45 AM (IST)

    जुलाई में हुई बरसात के बाद शहर खाली प्लाटों में भरे पानी पर मच्छर पनप रहे हैं। नगर परिषद एरिया में करीब दस हजार खाली प्लांट हैं। ...और पढ़ें

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    खाली प्लाटों में पल रहे मच्छर, स्वास्थ्य विभाग को डेंगू, मलेरिया फैलने का सता रहा डर

    जागरण संवाददाता, जींद : जुलाई में हुई बरसात के बाद शहर खाली प्लाटों में भरे पानी पर मच्छर पनप रहे हैं। नगर परिषद एरिया में करीब दस हजार खाली प्लांट हैं, जिनमें गंदगी के साथ पानी भरा हुआ है। मच्छरों के अनुकूल मौसम होते ही अब स्वास्थ्य विभाग को मच्छर जनित बीमारियां फैलने का डर सताने लगा है। शहर में कई कालोनियों में यह नजारे आम हैं लेकिन, नपा ने इस पर कभी किसी तरह का ध्यान नहीं दिया है और न ही कभी कार्रवाई कर पानी निकालने की जहमत उठाई है। जिससे मुहल्ले का पानी खाली प्लाट में भर जाता है। अब स्वास्थ्य विभाग की टीम डोर-टू-डोर अभियान चलाकर ऐसी जगहों की पहचान करेगी जहां पर मच्छर पनप रहे हैं और खाली जमीन पर पानी भरा हुआ है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम आने वाले दस दिनों तक शहर की 146 कालोनियों में हर गली में पहुंचेगी। जहां पर लोगों को मलेरिया व डेंगू के बीमारियों के बारे में जागरूक करने के साथ पिछले दस दिनों के बीच में जिस भी व्यक्ति को बुखार आया है, उसके खून के नमूने लेकर जांच की जाएगी। ताकि पता लगाया जा सके कि शहर में कितने लोग डेंगू व मलेरिया की चपेट में आ चुकी है। स्वास्थ्य विभाग उन खाली प्लाटों की लिस्ट तैयार करके नगर परिषद को भेजी जाएगी। इसके अलावा प्लाट के मालिक को भी इसके लिए नोटिस जारी किया जाएगा।

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    84 कर्मचारियों की जगह 24 कर्मचारी तैनात, शेड्यूल बनाने में आ रही दिक्कत

    स्वास्थ्य विभाग की ओर से मौसमी बीमारियों के बारे में लोगों को जागरूक करने व बुखार पीड़ितों के खून के नमूने लेने के लिए 18 से 28 अगस्त तक शहर के 31 वार्डों की 146 कालोनियों में अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान को सफल बनाने के लिए विभाग के पास मात्र 24 कर्मचारी हैं। इसमें से छह एमपीएचडब्ल्यू मेल व 18 फीमेल कर्मी है। जबकि शहर की आबादी लगभग दो लाख 10 हजार हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के नियमानुसार पांच हजार की आबादी पर दो कर्मचारियों की तैनात होना जरूरी है। ऐसे में शहर में मेल व फिमेल एमपीएचडब्ल्यू की संख्या 84 होनी चाहिए। इन 24 कर्मचारियों की ड्यूटी कोरोना वैक्सीनेशन करने में भी लगी हुई है। इसलिए कम कर्मचारियों के कारण विभाग को कोरोना वैक्सीनेशन व मच्छर जनित अभियान के लिए एक साथ शेड्यूल बनाने में परेशानी आ रही है। कर्मचारियों की कमी का मुद्दा पहले भी उठता रहा है, लेकिन विभाग ने इसकी तरफ ध्यान नहीं दिया।

    खाली प्लाटों में भर रहे पानी को लेकर आंदोलन भी कर चुके हैं लोग

    शहर की 146 कालोनियों के साथ सबसे पाश कालोनी माने जाने वाले हुडा सेक्टर के लोग इससे सबसे ज्यादा परेशान हैं। हुडा सेक्टर छह, सात, आठ व नौ में बरसात के पानी के अलावा हुडा द्वारा सीवर का गंदा पानी छोड़ा जा रहा है। जहां पर आलीशान कोठियों के बीच में खाली पड़े प्लाटों में भरे गंदे पानी में मच्छरों के साथ उठ रही बदबू से लोग परेशान रहते हैं। इसलिए जुलाई माह में ही चारों सेक्टरों के लोग आंदोलनरत हो गए थे। उसके बाद हुडा अधिकारियों ने समाधान का आश्वासन दिया था, लेकिन अब भी प्लाट तालाब बने हुए हैं।

    खाली प्लाट मालिकों को दिए जा रहे नोटिस

    नगर परिषद के मुख्य सफाई निरीक्षक मोहन भारद्वाज ने कहा कि जिन खाली प्लाटों में पानी व गंदगी जमा है, उनके मालिकों की पहचान करके नोटिस जारी किए जा रहे हैं। अगर फिर भी प्लाट मालिक ने इसकी तरफ ध्यान नहीं दिया तो उसके खिलाफ निमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

    मलेरिया व डेंगू सात साल का आंकड़ा

    साल मलेरिया डेंगू

    2015 45 668

    2016 17 156

    2017 27 135

    2018 17 98

    2019 3 47

    2020 0 28

    जुलाई 2021 0 1