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    हरियाणा में बिहार के नाबालिग को दी यातनाएं, चारा काटने वाली मशीन से कटा हाथ; अब मानवाधिकार आयोग ने SP को भेजा नोटिस

    Updated: Fri, 22 Aug 2025 12:11 AM (IST)

    हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने जींद में एक किशोर को बंधुआ मजदूर बनाकर रखने के मामले में संज्ञान लिया है। जींद और नूंह के अधिकारियों को नोटिस जारी कर रिपोर्ट मांगी गई है। बिहार निवासी संतोष को काम दिलाने के बहाने बंधुआ मजदूर बनाया गया जहां उसके साथ मारपीट की गई और उसे घायल अवस्था में छोड़ दिया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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    जींद में बंधुआ बना बिहार के किशोर को दी यातनाएं, हाथ कटा।

    जागरण संवाददाता, जींद। हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने जींद में 15 वर्षीय बिहार निवासी किशोर को बंधुआ मजदूर बनाकर रखने और घायल अवस्था में छोड़ने के मामले में संज्ञान लिया है। इस मामले में जींद और नूंह के डीसी और एसपी के साथ नूंह के सिविल सर्जन, जींद के सहायक श्रम आयुक्त, नूंह के बाल सुरक्षा अधिकारी को नोटिस जारी किया है। आयोग ने चार नवंबर को अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है।

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    साथ ही जींद में आरोपित डेयरी संचालक के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। मामले की जांच एएसपी सोनाक्षी सिंह के नेतृत्व में टीम कर रही है। मानवाधिकार आयोग के नोटिस के अनुसार, बिहार के किशनगंज जिला निवासी 15 वर्षीय संतोष 26 मई को काम की तलाश में जींद आया। उसके भाई जितेंद्र ने बताया कि 26 मई को बहादुरगढ़ से उसे अज्ञात व्यक्ति साथ ले गया। 10,000 रुपये महीने मजदूरी देने का वादा किया।

    हालांकि, संतोष यह नहीं बता सका कि वह किस जिले में था और मालिक का नाम क्या था। संतोष को एक डेयरी में बंधुआ मजदूर बनाकर रखा गया, जहां उसके साथ मारपीट की जाती। संतोष ने बताया कि जिस स्थान पर उसे रखा था, वहां जंगल था और कोई फसल नहीं हो रही थी। इसके बावजूद जींद का नाम जुड़ने से जींद प्रशासन को नोटिस भेजा है। कहा जा रहा है कि संतोष जींद से तावड़ू पहुंचा और वहां से अरविंद नामक व्यक्ति ने उसकी मदद की।

    चारा काटने वाली मशीन चलाने को निकालते थे बाहर संतोष ने बताया कि उसे जींद में रखा गया और खाना नहीं दिया गया। उसे केवल मोटर से चलने वाली चारा काटने वाली मशीन चलाने के लिए बाहर निकाला जाता था। चारा काटते समय उसका हाथ कट गया। चोट लगने के बाद उसके मालिक ने उसे बेहोश कर दिया। जब वह होश में आया, तो डिस्पेंसरी में था। उसकी जेब में कुछ पैसे मिले, लेकिन जब वह फिर से सो गया तो पैसे और कपड़े गायब थे। डिस्पेंसरी वाले ने उसे वहां से जाने को कहा, जिसके बाद वह पैदल बिहार अपने घर की ओर चल पड़ा और नूंह पहुंच गया।

    हाथ कटने के बाद डेरी वाले ने छोड़ दिया: एसपी

    जींद के एसपी कुलदीप सिंह ने बताया कि पुलिस ने रोहतक पीजीआई में वीडियोग्राफी कर संतोष के बयान दर्ज किए हैं। संतोष का भाई जितेंद्र कैथल में रहता है। वह कांगड़ा से कैथल गए और अगले दिन फरक्का एक्सप्रेस से बिहार जाने का कार्यक्रम था। फरक्का एक्सप्रेस जींद से जाती है, इसलिए वे कैथल से जींद आए। स्टेशन पर कुछ देर रुकने के बाद उन्होंने ट्रेन पकड़ ली। जब ट्रेन बहादुरगढ़ पहुंची, तो संतोष कुछ खाने के लिए नीचे उतर गया और इसी दौरान गाड़ी चल पड़ी।

    उसे एक व्यक्ति मिला, जिसने उसे डेरी में ले जाकर बंधुआ मजदूर बना दिया। जब उसका हाथ कट गया तो उसे छोड़ दिया। इसके बाद संतोष को नूंह के तावड़ू में देखा गया और इलाज के लिए रोहतक पीजीआई ले जाया गया। संतोष ने बताया कि जहां उसे रखा गया, वहां जंगल था और अजान की आवाज सुनाई देती थी। ऐसी जगह जींद में नहीं है, फिर भी पुलिस जांच कर रही है।