जींद में रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर और डीजे पर प्रतिबंध, उल्लंघन करनेवालों पर होगी सख्त कार्रवाई
जींद में सार्वजनिक और निजी स्थानों पर ध्वनि यंत्रों के प्रयोग को लेकर प्रशासन ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब बिना अनुमति के लाउडस्पीकर, डीजे आदि का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा। रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक इनका प्रयोग प्रतिबंधित रहेगा। नियमों का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने लोगों से सहयोग की अपील की है।

सार्वजनिक या निजी स्थान पर लाउडस्पीकर, डीजे बजाने पर लगी रोक
जागरण संवाददाता, जींद। सार्वजनिक स्थलों, बैंक्वेट हॉल, धर्मशालाओं, होटलों और निजी समारोहों में ध्वनि यंत्रों के प्रयोग को लेकर प्रशासन ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। किसी भी सार्वजनिक या निजी स्थान पर लाउडस्पीकर, डीजे, ढोल, बैंड या अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग बिना प्रशासनिक अनुमति के नहीं किया जा सकेगा। इसके लिए आयोजनकर्ता को उपमंडल अधिकारी से लिखित अनुमति लेना अनिवार्य होगा। अनुमति में निर्धारित सभी शर्तों का पालन करना होगा।
एसडीएम सत्यवान ने बताया कि रात्रि 10 बजे से सुबह छह बजे तक किसी भी प्रकार के लाउडस्पीकर, डीजे, ढोल या बैंड का प्रयोग पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा। यह निर्देश धार्मिक आयोजनों, विवाह समारोहों, सामाजिक व निजी आयोजनों पर समान रूप से लागू होंगे। इसके अलावा अस्पताल, नर्सिंग होम, स्कूल, न्यायालय, बैंक, दूरभाष केंद्र या शासकीय कार्यालयों से 200 मीटर के दायरे में ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग पूरी तरह निषिद्ध है।
इसी प्रकार साइलेंस जोन घोषित क्षेत्रों में लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति नहीं होगी। वहां की आवाज को एंबियंट साउंड लेवल पर ही रखा जाएगा। प्रशासन द्वारा जारी ध्वनि सीमा मानक औद्योगिक क्षेत्र में दिन के समय 75 डीबी और रात्रि में 70 डीबी, वाणिज्यिक क्षेत्र में दिन के समय 65 डीबी, रात्रि में 55 डीबी और आवासीय क्षेत्र में दिन के समय 55 डीबी व रात्रि में 45 डीबी निर्धारित किए गए हैं।
उपमंडल अधिकारी ने बताया कि इन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, शोर प्रदूषण (रेगुलेशन एंड कंट्रोल) नियम और बीएनएनएस की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत दंडनीय अपराध माना जाएगा। ऐसे मामलों में संबंधित थाना प्रभारी को उपकरण जब्त करने व आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। एसडीएम ने आमजन से अपील की है कि आगामी त्योहारों व विवाह समारोहों के दौरान इन दिशा-निर्देशों का पूर्ण पालन करें और प्रशासन का सहयोग करें ताकि समाज में शांति, व्यवस्था एवं अनुशासन कायम रह सके।
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