पराली को जलाने के बजाय जमीन में मिलाएं किसान : डीसी
डीसी नरेश नरवाल ने किसानों को सुरक्षित पर्यावरण के लिए पराली प्रबंधन अपनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों को न जलाएं।

जागरण संवाददाता, जींद : डीसी नरेश नरवाल ने किसानों को सुरक्षित पर्यावरण के लिए पराली प्रबंधन अपनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों को न जलाएं, बल्कि इन्हें भूमि में मिलाकर मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाएं। सरकार द्वारा फसल प्रबंधन के लिए अनेक योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं।
किसान पराली प्रबंधन मशीनरी का प्रयोग कर प्रदूषण से मुक्ति पाने के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों को बचाकर फसलों की पैदावार में वृद्घि कर सकते हैं। पराली प्रबंधन के लिए सरकार द्वारा किसानों को अनुदान पर कृषि यंत्र उपलब्ध करवाये जा रहे हैं। पराली प्रबंधन मशीनरी 50 फीसद अनुदान, किसानों के समूह को कस्टम हायरिग सेंटर की स्थापना के लिए 80 फीसद अनुदान तथा फसल अवशेषों को बेल बनाकर प्रबंधन करने पर सरकार द्वारा एक हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। पराली जलाने से हानिकारक गैसों के उत्सर्जन से श्वसन रोग बढ़ता है, भूमि की उर्वरा शक्ति कम होती है तथा मित्र कीट नष्ट होते हैं।
श्रीमद्भागवत महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ आज से
नरवाना : श्रीमद्भागवत महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन पतराम नगर स्थित दुर्गा मंदिर में 28 सितंबर से पांच अक्टूबर तक किया जाएगा। कथा का वाचन वृंदावन से पधारे पंडित संजीव वत्स प्रतिदिन दोपहर बाद 2.30 बजे से प्रभु इच्छा तक करेंगे। इससे पहले 28 सितंबर को सनातन धर्म मंदिर से दुर्गा मंदिर तक कलश यात्रा निकाली जाएगी। इसके अतिरिक्त पांच अक्टूबर को हवन के बाद भंडारा लगाया जाएगा। यह जानकारी समाजसेवी विकास मित्तल ने दी। उन्होंने कहा कि भक्तों को कार्यक्रम का आनंद लेना चाहिए।
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