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    दोपहर को आया डीएपी, सुबह से ही परिवार के साथ लाइनों में लगे किसान

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 13 Nov 2021 05:16 PM (IST)

    डीएपी को लेकर जारी किल्लत के चलते किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ...और पढ़ें

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    दोपहर को आया डीएपी, सुबह से ही परिवार के साथ लाइनों में लगे किसान

    संवाद सूत्र, उचाना : डीएपी को लेकर जारी किल्लत के चलते किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पुरानी मंडी में सरकारी दुकान, प्राइवेट दुकान पर डीएपी आने की जानकारी मिलने के बाद किसान सुबह पांच बजे ही मंडी पहुंचे शुरू हो गए। डीएपी लेने के लिए परिवार के सदस्यों के साथ लाइन में किसान लग गए। छह से सात घंटे तक लाइन में लगे-लगे इंतजार करने के बाद दोपहर को करीब एक बजे डीएपी सरकारी, प्राइवेट दुकान पर आया। बुलानी पड़ी पुलिस

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    पुराना रजबाहा पर कपास मंडी गेट के पास प्राइवेट दुकान पर डीएपी खाद आते ही किसान काफी संख्या में यहां पहुंच गए। यहां पर अधिक भीड़ होने पर कोई हंगामा न हो जाए इसके चलते पुलिस को बुलाना पड़ा। पुलिस के आने के बाद लाइन लगा कर डीएपी खाद के लिए पर्ची काटी गई। सरकारी दुकान पर पुलिस ने पहुंच कर लाइन लगवाई। दोनों जगहों पर पुलिस की मौजूदगी में डीएपी को बांटा गया। बिजाई में हो रही है देरी

    किसान सुशील, अमरजीत, नरेंद्र, मनोज ने कहा कि गेहूं की बिजाई को लेकर देरी हो रही है। शुक्रवार को खाद आने की सूचना मिलने पर दोपहर तक पुरानी मंडी में सरकारी दुकान के बाहर लाइन में लगे रहे। शनिवार को सुबह पांच बजे गांवों से मंडी में किसान आए गए थे। लंबी लाइनों में लग कर बड़ी मुश्किल से खाद मिला। किसान को उसकी जरूरत के हिसाब से खाद देना चाहिए। समय पर डीएपी नहीं मिलने से गेहूं की बिजाई में देरी हो रही है। गेहूं की बिजाई देरी से होगी तो उत्पादन कम होगा। शुरू से है डीएपी की किल्लत

    टोल कमेटी प्रधान सतबीर पहलवान ने कहा कि डीएपी की किल्लत शुरू से ही है। सरकार किसानों की आमदन दोगुना करने की बात तो कह रही है, लेकिन सच्चाई ये है कि उसे डीएपी खाद तक नहीं मिल रहा है। डीएपी लेने के लिए किसानों को लंबी-लंबी लाइनों में सुबह से लगना पड़ रहा है। लाइन में लगने के बाद भी यह पक्का नहीं है कि डीएपी मिलेगा या नहीं। खंड कृषि अधिकारी डा. पवन भारद्वाज ने कहा कि सरकारी, प्राइवेट दुकान पर आए डीएपी के पांच-पांच बैग प्रति किसान को दिए गए है। आधार कार्ड पर किसान को खाद दिया गया।