संयुक्त राष्ट्र के महत्व के बारे में दी जानकारी
संवाद सूत्र, नरवाना : राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में संयुक्त राष्ट्र दिवस मनाया गया। जिसमें विद्यालय के मुखिया व स्टाफ सदस्यों ने छात्रों को संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना, उद्देश्यों, सिद्धातों व महत्व के बारे में विस्तार से बताया। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य किताब सिंह मोर ने छात्राओं को जानकारी दी की कि संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना प्रथम विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद 24 अक्टूबर 1945 को हुई थी।
शुरुआत में 51 देशों ने सान फ्रासिस्को अमेरिका में संयुक्त राष्ट्रसंघ के चार्टर पर हस्ताक्षर किए थे तथा भारत भी मूल रूप से 51 देशों की श्रेणी में था। आज संयुक्त राष्ट्र संघ को स्थापित हुए 67 वर्ष हो चुके है व सदस्य राष्ट्रों की संख्या 192 हो गई है। इन 67 वर्षाें में संयुक्त राष्ट्र संघ ने विश्वशाति की स्थापना में मानव अधिकारों की रक्षा, रग-भेद को समाप्त करना, पूरे विश्व में महामारियों की रोकथाम, विश्व पर्यावरण की रक्षा, हथियारों की अंधाधुंध होड़ को कम करना, विभिन्न राष्ट्रों के आपसी मतभेद को मिटाना आदि उद्ेश्यों में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है तथा भारत ने इन सभी प्रयासों में संयुक्त राष्ट्र संघ को अपना पूर्ण सहयोग व समर्थन दिया है।
आज ग्लोबल वार्मिग पूरे विश्व के सामने अत्यंत गहन चिंता का विषय है जिसका समाधान विश्व के सभी देश मिलकर केवल यूएनओ के मंच से ही कर सकते है। प्राध्यापक बलजीत गोयत ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में भूमिका व भारत की एशिया महाद्वीप में स्थिति को देखते हुए सुरक्षा परिषद् की स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाकर भारत को सुरक्षा परिषद् में महाशक्तियों में शामिल किया जाना चाहिए। इस मौके पर प्रध्यापक मुकेश नैन, रविंद्र मित्तल, अशोक शर्मा, सुखदेव घणगस, रामप्रसाद शास्त्री, भूपेंद्र ¨सह घीड़ा, कृपाल सिंह, सुशीला कौशिक, गायत्री देवी, नीलम नैन, इदु गुप्ता, नीलम ¨सह, जिले ¨सह, सुरेश शर्मा आदि मौजूद थे।
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