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    मोबाइल टावर शरीर को पहुंचा रहे नुकसान

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    Updated: Sun, 02 Sep 2012 01:03 AM (IST)

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    जागरण संवाद केंद्र, जींद : मोबाइल टेलीफोन टावरों से विकिरण उत्सर्जन शनिवार से मौजूदा स्तर से घटकर 10वा हिस्सा रह जाएगा। इससे मोबाइल टावरों से निकलने वाली विकिरणों से आम लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर संबंधी चिंताएं दूर होने का अनुमान है, लेकिन जिस प्रकार से लोगों ने थोडे़ से पैसों के लालच में अपने घरों के ऊपर मोबाइल टावर लगाए हुए हैं, उससे स्वयं के साथ-साथ अन्य लोगों के स्वास्थ्य पर भी कुप्रभाव पड़ रहा है। यह समस्या एकाएक तो नजर नहीं आती, लेकिन इसके परिणाम भविष्य में घातक होते हैं।

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    शनिवार से जो नए निर्देश लागू हुए हैं, उसके अनुसार किसी भी टावर (दो एंटिना वाले) की आवासीय भवन से दूरी कम से कम 35 मीटर रखनी होगी, लेकिन शहर में ऐसे कई स्थान हैं, जहां पर मात्र कुछ ही दूरी पर कई टावर लगे हुए हैं। कई कालोनियों में भी यही स्थिति बनी हुई है, लेकिन मोबाइल कंपनियां अनदेखी करके टावर लगाए जा रही हैं।

    सरकार के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार घरेलू कारखानों में बने या आयातित होने वाले हैंडसेट की भी इस मामले क्षमता घटानी होगी, जिससे मोबाइल से होने वाली बीमारियों से लोगों का बचाव होगा। यही नहीं घरों पर या रिहायशी स्थानों पर टावर न लगाने के निर्देश दिए गए हैं। यदि जींद शहर की बात की जाए तो जींद शहर में 70 टावर विभिन्न क्षेत्रों में लगे हुए हैं। इनमें से अधिकतर घरों की छत के ऊपर टावर लगे हुए हैं। यही नहीं कालोनियों में पडे़ खाली प्लाटों पर भी मोबाइल टावर लगे हुए हैं।

    ज्यादा मोबाइल सुनने पर कान पर पड़ा प्रभाव

    जींद निवासी अनिल कुमार बताते हैं कि उनका काम ऐसा है कि उन्हें दिन में लगातार मोबाइल फोन सुनना पड़ता है। ज्यादा मोबाइल सुनने के कारण उनके कान में तकलीफ रहने लगी है। जब उन्होंने डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने बताया कि ज्यादा मोबाइल सुनने के चलते ऐसा हुआ है। इसके चलते डॉक्टर ने उन्हें मोबाइल प्रयोग न करने की सलाह दी है। इस कारण उन्होंने अब ज्यादा मोबाइल का प्रयोग बंद कर दिया है। वह बहुत ज्यादा जरूरी मोबाइल ही सुनते हैं।

    देते हैं नौकरी व प्रति माह आय का लालच

    कंपनी के कारिंदे लोगों के घर जाकर मोबाइल टावर लगाने की अनुमति देने के लिए उन्हें कई प्रकार के लालच भी देते हैं। इसमें टावर की देखरेख करने की नौकरी, प्रति माह आय व मोबाइल टावर लगाने का किराया इत्यादि शामिल होता है। लोग इस लालच में आकर टावर लगा लेते हैं और स्वयं के साथ-साथ दूसरों के स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ करते हैं।

    उपायुक्त व हाईकोर्ट के आदेश भी हो रहे हवा

    उपायुक्त भी कई बार अधिकारियों की बैठकें लेकर रिहायशी इलाकों से मोबाइल टावर हटाने के निर्देश दे चुके हैं, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं माननीय हाईकोर्ट ने भी पिछले दिनों टावर घरों के आसपास व छतों से हटाने के निर्देश दिए थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।

    क्या करें लोग

    उपभोक्ता मोबाइल को शरीर से दूर रखने के लिए ब्लू टूथ और तार वाले स्पीकर आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके चलते काफी कम रेडिएशन का प्रभाव शरीर पर पडे़गा।

    मोबाइल टावर से निकलने वाला रेडिएशन मानव शरीर के लिए हानिकारक होता है। इससे कैंसर के अलावा कान से संबंधित बीमारियां हो सकती है। सरकार ने रेडिएशन को लेकर जो नए नियम इत्यादि बनाए हैं, उससे रेडिएशन से होने वाले खतरे कम होंगे।

    डॉ. अनिल बिरला, सर्जन, सिविल अस्पताल, जींद

    अब तक घरों की छतों या रिहायशी इलाकों से मोबाइल टावर हटवाने के कोई निर्देश नहीं आए हैं। यदि कोई निर्देश आएंगे तो हटवा दिए जाएंगे। यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।

    सुभाष शर्मा, लाइसेंस डीलिंग, नगर परिषद

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