गोष्ठी का आयोजन किया
जासंकें, जींद : रोहतक रोड स्थित दीप निवास में हिदी साहित्य प्रेरक संस्था के तत्वाधान में गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में जींद के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. केवल कृष्ण पाठक को उनकी विशेष साहित्यिक उपलब्धि के लिए बधाई दी गई। गोष्ठी में अपनी रचना सुनाते हुए ओमप्रकाश चौहान ने मानव मन की वृत्तियों का वर्णन करते हुए कहा कि मन पापी के साथ आत्मा इस देही में वास करे, रावण के घर सीता जैसे पिया मिलण की आस करे। रामफल सिंह ने कहा कि बनाएं देवघर कितने, सजाएं देवालय आगन, रचाएं यज्ञ, हवन-वेदी करे, पूजन करे अर्चन। वरिष्ठ साहित्यकार रामशरण युयुत्सु ने कहा कि सुनो मित्र मैं अहिल्या नहीं हु और तुम भी राम नहीं हो। संस्था महासचिव नरेद्र अत्री ने सम सामायिक हालातों पर कहा कि सट्टा, फिक्सिंग रेव में, काले धन का मेल, एक खेल में हो रहे, जाने कितने खेल, कैसे झेलें हम भला महगाई का दंश, संग में सर पे है चढ़ा भ्रष्टाचारी का कंस। कवि राजेश ने पुराने ताने बाने पर अपनी रचना प्रस्तुत करते हुए कहा कि भूले तै बी भूल पड़े ना, कदे आसू कदे रोऊं सू, गया जमाना याद आवै से, चाहे जागू चाहे सोऊं सूं। कवि अनिल पाचाल ने कहा कि गरीब का निवाला लगा सिकुड़ने, फैलने लगी मंत्री की तोंद, कालाबाजारी के आगे, न्यायपालिका रही आखें मूंद।
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