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    उप सिविल सर्जन ने कर्मचारियों को लगाई फटकार

    By Edited By:
    Updated: Fri, 18 Sep 2015 12:50 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, जींद : स्वास्थ्य विभाग की ओर से बृहस्पतिवार को बस अड्डे वर्कशाप से शुरू किए गए फो¨ग

    जागरण संवाददाता, जींद : स्वास्थ्य विभाग की ओर से बृहस्पतिवार को बस अड्डे वर्कशाप से शुरू किए गए फो¨गग अभियान की शुरुआत में ही आंख खुली की खुली रह गई।

    वर्कशाप मैनेजर के कमरे में लगे कूलर के अलावा अन्य कमरों में लगे कूलर, बाहर पड़े टायरों तथा जीएम कार्यालय की तरफ जाने वाली सीढि़यों के नीचे स्टोर में ढेरों मच्छर निकले। इसे देख उप सिविल सर्जन ने कर्मचारियों को फटकार लगाई। पहले तो कर्मचारी कूलरों व टायरों में पानी नहीं भरा होने की बात करते नजर आए, लेकिन जब उन्हें खोला गया तो उनमें मच्छरों के लार्वा मिले। जिस सीढि़यों से प्रतिदिन रोडवेज के जीएम, टीएम व अन्य अधिकारी प्रतिदिन गुजरते हैं, वहां बने स्टोर में पड़े ड्रम को देखा गया तो मच्छरों की भरमार लगी हुई थी। तुरंत सभी जगहों फो¨गग की गई। इतना सब होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने रोडवेज विभाग को लारवा व मच्छर मिलने के बाद भी जुर्माना लगाने की बजाय चेतावनी देकर छोड़ दिया। जबकि स्वास्थ्य विभाग ने लगातार बढ़ते डेंगू के मामलों को देखते हुए लारवा पाए जाने पर दो हजार रुपये तक का जुर्माना लगाने की चेतावनी दी थी।

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    जिले को डेंगू मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्थानीय बस अड्डा परिसर से फो¨गग व डोर टू डोर सर्वे अभियान का शुभारंभ उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरएस तंवर ने किया। कार्यक्रम के आगाज के साथ ही सभी मशीनों ने एन्टी डेंगू धुआं एक साथ उगलना शुरू कर दिया और देखते ही देखते पूरा बस स्टेण्ड परिसर तथा आसपास की कालोनी धुएं की चादर में लिपटा नजर आने लगा। कार्यक्रम के शुभारंभ करने के तुरन्त बाद उप चिकित्सा अधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की एक टीम का नेतृत्व करते हुए बस स्टैंड के साथ लगती रोडवेज विभाग की वर्कशाप का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान टीम द्वारा वर्कशाप के बेकार पड़े टायरों से लेकर आला अधिकारियों के कमरों में लगे कूलरों व आसपास के स्थलों का जायजा लिया।

    टीम द्वारा वर्कशाप मैनेजर एसके शर्मा के कार्यालय में लगे कूलर में मच्छर का लारवा पाए जाने पर हैरानी जताते हुए वर्कशाप मैनेजर से कहा कि अगर आपके कमरे के कूलर का ये हाल है तो वर्कशाप का क्या हाल होगा। उप सिविल सर्जन द्वारा मौके पर ही कूलर में मच्छर के लारवा का खत्म करने वाली दवाई डाली गई। इसके बाद वर्कशाप परिसर का जायजा लेने के लिए टीम ने कई जगहों का निरीक्षण किया। खाली टायरों में पड़े पानी पर उप सिविल सर्जन ने कड़ा संज्ञान लेते हुए कहा कि इन्हीं जैसी वस्तुओं एवं स्थलों पर डेंगू के मच्छर का लारवा पनपता है, जिससे खतरनाक बीमारी फैलती है। उन्होंने बताया कि वर्कशाप परिसर में जो अव्यवस्थाएं पाई गई है, उन सभी की रिपोर्ट डीसी अजित बालाजी जोशी को भेजी जाएगी। बस अड्डा परिसर में चौकीदार के रूम से लेकर जीएम रोडवेज राहुल जैन तक के कार्यालय में फो¨गग करवाई गई और रोडवेज विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे परिसर में सफाई व्यवस्था को बनाए रखे ताकि मच्छर का लारवा ही न पनप सके।

    कैथल से मंगवाई जाएगी

    पूरे जिले में छिड़काव किया जाना है। फिलहाल इसके लिए विभाग ने उच्चाधिकारियों को डिमांड भेज दी है। विभाग ने भी डेंगू की गंभीर स्थिति को देखते हुए जिले के अधिकारियों को 100 किलोग्राम दवाई कैथल से मंगवाने के निर्देश दिए हैं ताकि सही समय पर दवाई का छिड़काव किया जा सके।

    दुकानों पर भी की छापामारी

    उप सिविल सर्जन के नेतृत्व वाली यह टीम इसके तुरंत बाद बस अड्डा परिसर में पहुंची और यहां शौचालयों, कैंटीन, कमरों तथा कमरों में लगे कूलरों, फल की दुकानों पर भी छापेमारी की। उप सिविल सर्जन ने इस दौरान कैंटीन के मालिक को निर्देश देते हुए कहा कि वे बर्तनों को साफ एवं स्वच्छ रखें और यहां मच्छर न पनपे इसके लिए समय-समय पर स्प्रे करवाते रहें। कैंटीन बंद होने से पहले किसी भी बर्तन में पानी न छोड़े। उन्होंने कै ंटीन मालिक से पूछा कि यहां खाना खाने वाले लोगों को पानी कहां से मुहैया करवाया जाता है, इस पर उन्होंने जवाब दिया कि पानी साथ लगती प्याऊ से लिया जा रहा हैं। इस पर उप सिविल सर्जन ने टंकी के पानी के सैंपल भरवाने के निर्देश दिए। फल की दुकानों का निरीक्षण करते हुए उन्होंने जूस की मशीन को साफ रखने के निर्देश दिए और फलों एवं मिठाई को ढककर रखने की बात भी कही और कहा कि आगामी निरीक्षण भी एक या दो दिन के अंदर किया जाएगा अगर निर्देशों की पालना नहीं की गई तो चालान काटे जाएंगे। उन्होंने कैंटीन में कार्यरत कर्मियों का मेडिकल जांच करवाने के निर्देश भी दिए।

    तीन-चार दिन में होगा पूरा शहर कवर

    उप सिविल सर्जन ने बताया कि पूरे जिले में डेंगू तथा मलेरिया पर अंकुश लगाने के लिए फो¨गग तथा डोर टू डोर सर्वे कार्यक्रम शुरू कर दिया गया हैं। इस कार्यक्रम के तहत प्रत्येक घर के द्वार पर विभाग की टीम पहुंचेगी और लोगों को मलेरिया तथा डेंगू की रोकथाम बारे उपाय बताकर जागरूक करेगी। इसके साथ-साथ जिन घरों में बीमार व्यक्ति पाए जाएंगे, उन व्यक्तियों के खून का सैंपल लेकर टेस्ट किया जाएगा। अगर खून का सैंपल मलेरिया तथा डेंगू पाजिटिव पाया जाता है तो ऐसे मरीजों को तुरंत अस्पतालों में रेफर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि टीमों द्वारा इस बात पर भी नजर रखी जाएगी कि किन-किन घरों में कूलरों में पानी एवं घरों के आसपास पानी खड़ा है और किन-किन स्थलों पर सफाई व्यवस्था नहीं हैं। पूरे शहर को तीन से चार दिन में कवर किया जाएगा।

    उप सिविल सर्जन ने बताया कि डेंगू फैलाने वाले मच्छर को टाईगर मच्छर भी कहा जाता है। क्योंकि इस मच्छर पर काले रंग के धब्बे होते हैं और यह मच्छर समूह में बैठे सभी व्यक्तियों पर आक्रमण करता है। उन्होंने यह भी बताया कि यह मच्छर साफ पानी पर रहता है और दिन में काटता है।

    ये हैं लक्ष्य

    डेंगू के लक्षणों बारे बताते हुए डॉक्टर ने कहा कि जिस व्यक्ति को डेंगू हो जाता है उसे तेज बुखार आता है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि अगर किसी व्यक्ति को तेज बुखार आता है तो वे तुरंत नजदीकी अस्पताल में पहुंचे ताकि इलाज समय रहते मुहैया हो सके। उन्होंने बताया कि जींद, सफीदों तथा नरवाना के अस्पतालों में एक-एक आईसोलेशन वार्ड स्थापित करवा दिया गया है और डेंगू तथा मलेरिया के इलाज के लिए इन वार्डों में अतिरिक्त डाक्टरों की व्यवस्था भी सुनिश्चित कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि रोडवेज की बसों व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर डेंगू तथा मलेरिया से बचाव के लिए इश्तिहार तथा पम्पलेट लगवाए जा चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जो टीमें जिला में फो¨गग तथा डोर टू डोर सर्वे करने के कार्य में लगाई गई है वे सभी टीमें लोगों को डेंगू तथा मलेरिया के लक्षणों तथा इससे बचाव के लिए ऐतिहासिक कदम उठाने के लिए जानकारी उपलब्ध करवाएंगे।