ओलिंपियन बजरंग पूनिया के पिता बलवान पंचतत्व में विलीन, बड़े भाई हरेंद्र ने पैतृक गांव खुड्डन में दी मुखाग्नि
ओलिंपियन पहलवान बजरंग पूनिया के पिता बलवान पूनिया का उनके पैतृक गांव खुड्डन में अंतिम संस्कार किया गया। गंभीर बीमारी से जूझ रहे बलवान पूनिया ने दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस ली। बड़े बेटे हरेंद्र पूनिया ने उन्हें मुखाग्नि दी। रेसलर साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान और बबीता फोगाट के पति विवेक सुहाग सहित कई हस्तियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

संवाद सूत्र, माछरोली (झज्जर)। ओलिंपियन पहलवान और अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बजरंग पूनिया के पिता बलवान पूनिया पंचतत्व में विलीन हो गए। शुक्रवार को उनके पैतृक गांव खुड्डन में गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया।
बड़े बेटे हरेंद्र पूनिया ने पिता को मुखाग्नि दी। सुबह सोनीपत से लाई गई पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए गांव में रखा गया। इस मौके स्वजन गम और आंसुओं से भरे नजर आए। इस दौरान रेसलर साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान और बबीता फोगाट के पति विवेक सुहाग सहित कई जानी-मानी हस्तियां श्रद्धांजलि देने पहुंचीं।
हालांकि, कांग्रेस के बड़े नेता अंतिम संस्कार में अनुपस्थित रहे। बता दें कि बलवान पूनिया ने वीरवार शाम 6 बजे दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे 18 दिनों से वहां भर्ती थे और गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। 71 वर्ष की आयु में उन्होंने जीवन यात्रा पूरी की। 22 जुलाई 1954 को जन्मे बलवान पूनिया चार भाइयों में सबसे बड़े थे।
बलवान पूनिया पहलवानी के थे शौकीन
उनके बाद क्रमशः जगबीर, रणबीर और दलबीर हैं। रणबीर का पूर्व में ही निधन हो चुका है, जबकि दलबीर इस समय रेलवे पुलिस में सेवाएं दे रहे हैं। खुद पहलवानी के शौकीन रहे बलवान पूनिया आर्थिक कठिनाइयों के कारण अपना सपना साकार नहीं कर पाए।
लेकिन उन्होंने निश्चय किया कि बेटा उनके अधूरे अरमान पूरे करेगा। सात साल की उम्र से ही उन्होंने बजरंग को अखाड़े की ओर मोड़ दिया और स्वयं बुनियादी दांव-पेंच सिखाए। उनके संकल्प और मार्गदर्शन का ही परिणाम है कि बजरंग पूनिया आज भारत का गौरव बनकर ओलिंपिक तक पहुंचे।
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