Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नाले हो या फुटपाथ, अब कागजों में ही दर्ज है शायद सभी कुछ, व्यवस्था मौन

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 23 Apr 2022 06:28 PM (IST)

    - नाली से तीन फीट बाहर तक सामान से कर रहे अतिक्रमण - मुख्य बाजार की सड़कों पर पैदल तक चलने की नहीं बचती जगह - गर्मी के दिनों में लगने वाले जाम से आजिज आए आमजन

    Hero Image
    नाले हो या फुटपाथ, अब कागजों में ही दर्ज है शायद सभी कुछ, व्यवस्था मौन

    जागरण संवाददाता, झज्जर : सड़क से नाला तक अतिक्रमण कारियों का कब्जा है। शहर के ज्यादातर हिस्सों में लोगों ने सड़क और नाले का अतिक्रमण कर कच्चा और पक्का निर्माण तक कर लिया है। जिसके कारण शहर में जाम की समस्या से लोग परेशान हैं। मौजूदा समय में शहर में बुरी तरह से जाम सहित आवागमन में दिक्कत जैसी समस्या होने लगी है। क्योंकि, यह सड़क पहले से ही उतनी खास चौड़ी नहीं थी। जिम्मेवार लोगों की यहां उदासीनता का फायदा उठाते अधिकांश दुकानदारों ने एक से तीन फीट, कहीं-कहीं पूरा नाला का अतिक्रमण कर लिया है। इस तरह की स्थिति शहर के अन्य सड़कों की भी है जहां अतिक्रमण कारियों का कब्जा हो गया है। कागजों में दर्ज फुटपाथ, व्यवस्था मौन:

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    फुटपाथ अब केवल कागजों में दर्ज है। कारण कि मौके से फुटपाथ अतिक्रमण की भेंट चढ़ गया है। नगर के मुख्य मार्ग पर फुटपाथ पर दुकानें सज रही हैं, और सड़क पर पार्किंग करनी पड़ रही है। नतीजा सड़क गलियारे में तब्दील होती जा रही है। सुबह-शाम लोगों को इस गलियारे में फंसना पड़ता है। खास तौर पर दोपहर के समय में दिक्कत और ज्यादा हो जाती है। जब लोगों को गर्मी में अपने वाहनों पर जाम में फंसना पड़ता है। मुख्य बाजार से चार पहिया व दो पहिया वाहन लेकर गुजरना भी मुश्किल हो जाता है। देखा जाए तो यह सिलसिला सिर्फ फुटपाथ पर ही खत्म नहीं हो रखा, सामान सड़क पर भी आ गया है। अतिक्रमण करने वाले दुकानदारों को न तो कानून का डर है और न ही आम जनता की फिक्र।

    कार्रवाई नहीं होने से हौंसले बुलंद:

    क्योंकि, अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कोई लंबे समय से कार्रवाई नहीं हुईं। यहीं कारण है कि कब्जा करने वालों के हौंसले इतने बुलंद हैं कि उन्हें सड़क पर भी सामान रखने में कोई डर नहीं है। आम जन जान जोखिम में डालकर सड़क पर चलने को मजबूर हैं। इधर, जाम में फंसने वाले रामनिवास, पंकज शर्मा के मुताबिक दुकानदारों को खुद ही समझाना चाहिए कि वह निर्धारित सीमा के भीतर ही दुकान लगाएं। अभियान के दौरान जहां से अतिक्रमण हटाए जाने के बाद अगर कोई दुकानदार फिर से वहां पर अतिक्रमण करें, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। ताकि आगे वह सामान नहीं लगाए।