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Haryana News: जब तीन ‘धुरी’ के नेताओं ने SYL के नाम पर पकड़ी एक ‘धारा’, प्रकाश सिंह बादल और भजन लाल के सवाल-जवाब

पंजाब और हरियाणा दो राज्यों के बीच सतलुज यमुना लिंक नहर का मुद्दा कोई आज का नहीं है। बल्कि बहुत साल से यह दोनों प्रदेशों का अहम बना हुआ है। इस पर लगातार राजनीति भी जोरों पर होती है। लेकिन इतिहास के पन्नों को पलटते हैं तो बात करते हैं 12 मार्च 1999 की। जब पंजाब के तत्कालीन सीएम प्रकाश सिंह बादल की बात को और भजनलाल ने नकारा था।

By Monu Kumar Jha Edited By: Monu Kumar Jha Published: Wed, 24 Apr 2024 08:33 PM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2024 08:33 PM (IST)
Haryana News: प्रकाश सिंह बादल और भजन लाल के सवाल-जवाब। फाइल फोटो

अमित पोपली, झज्जर। (Haryana Hindi News) वक्त का पहिया आज से फिर दशकों पीछे ले चलिए...सतलुज यमुना लिंक नहर (एसवाईएल) का विवाद पंजाब और हरियाणा के बीच, गठन के बाद से चला आ रहा है। सूबे में जितनी भी सरकारें बनी हैं, कोई भी अपने हिस्से का पानी लाने में सफल नहीं हुईं।

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समय-समय पर यह मुद्दा सड़क से लेकर लोकसभा तक खूब उछला। एक वक्त ऐसा भी आया जब तीन ‘धुरी’ के नेताओं ने एसवाईएल के नाम पर लोकसभा में एक ‘धारा’ तक पकड़ी। तारीख थी 12 मार्च 1999, सदन में तत्कालीन सीएम प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) के पंजाब विधानसभा में दिए गए बयान पर करनाल से सांसद भजनलाल (Bhajan Lal) ने कहा, नहर के पानी का फैसला हरियाणा ने नहीं किया।

हम पंजाब (Punjab News) से भिक्षा के रूप में पानी नहीं मांगते। पंजाब और हरियाणा पहले एक ही प्रांत थे। बाद में दोनों का बंटवारा हुआ। बाकायदा राजीव-लौंगोवाल समझौते ने भी और पार्लियामेंट ने भी बिल पास करके ट्रिब्यूनल कायम किया। उसी ट्रिब्यूनल ने पानी का फैसला किया।

पंजाब ने भी इस ट्रिब्यूनल को माना और जमीन इक्वायर करने के लिए इन्हीं बादल जी ने हरियाणा सरकार से इसी काम के लिए दो करोड़ रुपये लिए थे। अब वह कहते हैं कि पानी नहीं है। यह हरियाणा (Haryana News) के लोगों के साथ बड़ा अन्याय और ज्यादती है। इस बात के लिए लोगों में बड़ा भारी रोष है। मेरा आपसे निवेदन है कि सरकार से आप कहें कि इस बारे में वह स्थिति स्पष्ट करें।

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सुरेंद्र सिंह ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने की उठाई थी मांग

सांसद सुरेंद्र सिंह (Surendra Singh) ने कहा-मेरी मांग यह है कि राजीव-लौंगोवाल समझौते के अनुसार हरियाणा को जो पानी दिया गया था। उसके पहले इराडी कमीशन ने भी हमें पानी में हिस्सा दिया था। केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए और इस पर वक्तव्य देना चाहिए। समयबद्ध कार्यक्रम बनाना चाहिए।

पुन: मांग करते हुए कहा, एक समयबद्ध कार्यक्रम बनाएं, कैरियर चैनल का बाकी बचा पांच प्रतिशत कार्य कब तक पूरा किया जाएगा और हमारे हिस्से का पानी, जो हमें राजीव-लौंगोवाल समझौते के अनुसार दिया जाता है, उसको दिया जाए।

चल रही चर्चा में सोनीपत से सांसद किशन सिंह सांगवान (Kishan Singh Sangwan) ने कहा, सीएम बादल ने हमारे प्रदेश के हितों के खिलाफ बयान दिया है। जो देश हित में भी नहीं है। एस. वाई. एल. नहर, जिस पर हमारा हजारों करोड़ रुपया खर्च हो चुका है। मंत्री को सदन में इसका उत्तर देना चाहिए।

मुद्दा उठा था कि पानी में हरियाणा का कोई हिस्सा नहीं

सदन में मुद्दे पर चल रही चर्चा में बहुत व्यवधान भी हुआ, केंद्रीय मंत्री ने भी कहा, दोनों राज्यों की सरकारों को साथ में बैठाया जाएगा। सांसद सतनाम सिंह कैंथ ने कहा, उपाध्यक्ष महोदय, पंजाब के मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा है कि पंजाब में एसवाईएल नहर के पानी में हरियाणा का कोई हिस्सा नहीं है।

चंडीगढ़ पंजाब का है। जिस पर उन्हें बात पूरी किए बिना ही बैठा दिया गया। रखी जा रही बात में भिवानी से सांसद सुरेंद्र सिंह ने सीएम बादल के बयान पर कहा, कैरियर चैनल एसवाईएल के पानी को ले जाने के लिए निर्माणाधीन है।

95 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। उसके बारे में भी पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि न तो आगे इस नहर का निर्माण किया जाएगा और न एक बूंद पानी हरियाणा के हिस्से का उसको दिया जाएगा।

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