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कभी घर से बाहर जाने की न थी हालत, अाज हैं लाखों की पसंद, जानें दर्द और हौसले की कहानी

मिस कनाडा अर्शिन मसजोदी की कहानी दर्द और हौसले की जुबानी है। मुश्किलों को मात देकर जैसे उन्‍होंने खास मुकाम बनाया वह ऊंची उड़ान का जज्‍बा भी देता है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 12:28 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 05:03 PM (IST)
कभी घर से बाहर जाने की न थी हालत, अाज हैं लाखों की पसंद, जानें दर्द और हौसले की कहानी
कभी घर से बाहर जाने की न थी हालत, अाज हैं लाखों की पसंद, जानें दर्द और हौसले की कहानी

प्रदीप भारद्वाज, बहादुरगढ़ (झज्‍जर) । इस सुंदरी की कहानी दर्द भी देती है और फिर हौसला भी। जीवन में हर परिस्‍थ‍िति से लड़ने और ऊंची उड़ान का जज्‍बा देती है यह। जिंदगी तो उसे कदम-कदम पर हराती रही, लेकिन उसका हौसला ही था जो उसमें जीतने की जिद पैदा करता रहा। नतीजा यह हुआ कि जो गुमनामी के किसी कोने में दुबकने को विवश थी, अब उसे पूरी दुनिया जानती है। यह नाम अब सुंदरता की पहचान भी है। उनकी कभी ऐसी हालत थी कि कई साल घर से बाहर नहीं निकलीं और आज लाखों की पसंद हैं। हम बात कर रहे हैं फेस आफ ब्यूटी इंटरनेशनल कांटेस्ट-2018 में कनाडा का प्रतिनिधित्व करने आई अर्शिन मसजोदी की।

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एक हाथ की अंगुलियां कटी, आग में झुलसी, मगर अब है मिस कनाडा

इस सुंदरी के यहां तक पहुंचने के पीछे की दास्तां में आंसू भी हैं और जज्बा भी। आंसू उसे जिंदगी के जख्मों ने दिए और जज्बा उसकी जिद ने। इस सुंदरी के एक हाथ की अंगुलियां कटी हुई हैं। एक हादसे में उसका शरीर 55 फीसद तक झुलस गया, लेकिन उसने हार नहीं मानी और अपनी तकदीर को नए सांचे में रखकर उसने ख्‍ुाद को बड़ी खूबसूरती से तराशा।

बहादुरगढ़ में अन्‍य सुंदरियों के साथ मिस कनाडा अर्शिन मसजोदी।

जिंदगी यूं बन गई थी चुनौती

बहादुरगढ़ पहुंची 42 देशों की सुंदरियों के बीच मिस कनाडा अर्शिन मसजोदी ने अलग पहचान बनाई। उन्होंने  जागरण के साथ अपना अतीत साझा किया। अर्शिन ने बताया कि बचपन में मिक्सचर में उसका हाथ आ गया, जिससे दायें हाथ की पांचों अंगुलियां कट गईं। जब वह 15 साल की थी, तब एक दिन घर में अकेली थी। घर में धमाका हो गया और आग लग गई। इससे हादसे में वह 55 फीसद तक झुलस गई। चेहरा काफी हद तक बच गया था। इलाज भी बड़ी मुश्किल से हुआ।

बहादुरगढ़ पहुंचीं विभिन्‍न देशों की सुंदरियां।

अर्शिन ने बताया, इसके बाद तो वह कई वर्षों तक घर से भी नहीं निकल पाई। मगर उसने हौसला जुटाया। उसी हाथ को मिलाकर लोगों का अभिवादन करती, जिसकी अंगुलियां कट गई थीं। जिंदगी ने जो मुश्किलें दी, उन्हें हराने के लिए ब्यूटी कांस्टेट में आई। उसके हौसले पर कई डॉक्यूमेंट्री भी बनी। कनाडा के ब्यूटी कांटेस्ट में नेशनल विजेता बनी और अब अंतरराष्ट्रीय खिताब जीतने की उम्मीद से भारत आई हैं। रूबरू प्रमोटिंग ग्रुप के संदीप कुमार बताते हैं कि यही हौसला देख अर्शिन को इस कांटेस्ट के लिए चुना गया।

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बहादुरगढ़ में विद्यार्थियों के बीच विभिन्‍न देशों की सुंदरियां।

दिल्ली में 16 सितंबर को होगा फेस ऑफ ब्यूटी इंटरनेशनल कांटेस्ट-2018

दिल्ली में 16 सितंबर को फेस आफ ब्यूटी इंटरनेशनल-2018 का ग्रेंड फिनाले होगा। यह घेवरा के सिटी पार्क रिसार्ट में होगा। इससे पहले भारत भ्रमण के तहत इन कांटेस्ट में भाग लेने वाली सभी प्रभिागी सोमवार को बहादुरगढ़ के वैश्य कालेज में महिला स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़े कार्यक्रम में पहुंची। इनका यहां पारंपरिक अंदाज में स्वागत हुआ। इस दौरान सभी प्रतिभागियों ने हरियाणवी गीतों खूब डांस किया।

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