खास है सिलानी गांव की मिट्टी, अधिकांश परिवारों का हैं सेना से नाता, युवा सैन्य अधिकारी सचिन का हुआ भव्य स्वागत
जागरण संवाददाता, झज्जर : जिला मुख्यालय से सटे गांव सिलानी की मिट्टी खास ही है। सेना और सिविल
जागरण संवाददाता, झज्जर : जिला मुख्यालय से सटे गांव सिलानी की मिट्टी खास ही है। सेना और सिविल सर्विस में अभी तक गांव से 98 अधिकारी बन चुके हैं। जबकि करीब 550 सेना और सैनिक बलों के जवान एवं पूर्व सैनिक हैं। इसी मिट्टी में पले-बढ़े युवा सचिन चाहार, जिन्हें शनिवार को पा¨सग आउट परेड में स्वॉर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया, का गांव में पहुंचने पर भव्य ढंग से स्वागत हुआ। बैंड बाजे के साथ खुली जीप में बाबा बालक दास मंदिर तक ले जाया गया। सचिन के लेफ्टिनेंट बनने पर परिवार की तरफ से मंदिर में दो कलश भी मंदिर कमेटी को प्रदान किए और फिर बाद में हुआ सामूहिक हवन किया। इसके बाद गांव के लाडले को खुली जीप में घुमाया गया और सम्मान पूर्वक घर तक पहुंचे। मिलिट्री स्कूल धौलपुर में कार्यरत रहे शिक्षक आरएस कटारिया भी यहां अपने शिष्य के स्वागत समारोह के गवाह बने।
सेना में कमीशन पाने वाले पहले अधिकारी बने हैं सचिन
सिलानी गांव के अधिकांश परिवारों को सेना से नाता जुड़ा हुआ है। करीब 11 हजार की आबादी वाले गांव में सिपाही से लेकर बिग्रेडियर तक के अधिकारी रहे हैं। गांव में करीब 550 सैनिक और पूर्व सैनिक हैं। फिलहाल चार कर्नल और करीब 250 जवान देश की सेवा कर रहे हैं। इनमें करीब 300 जवान सेना में कार्यरत और पूर्व सैनिक शामिल हैं। लगभग 250 जवान व पूर्व सैनिक अर्ध सैनिक बलों के हैं। स्वार्ड ऑफ ऑनर प्राप्त करने वाले सचिन चाहार गांव के पहले सेना में कमीशन पाने वाले अधिकारी बने हैं। जिला परिषद के उपाध्यक्ष योगेश सिलानी, पार्षद हरेंद्र सिलाना के अलावा गांव और क्षेत्र के लोगों ने सचिन जोरदार स्वागत किया और उनके पिता कृष्ण कुमार कुमार सहित पूरे परिवार को बधाई दी। ------
नई तकनीक का सही दिशा में प्रयोग करेंगे तो खुलेंगे कामयाबी के रास्ते
लेफ्टिनेंट सचिन चाहार का कहना है कि सबसे पहले तो युवाओं को अपनी कामयाबी की तरफ कदम बढ़ा कर अपने पैरों पर खड़ा होना चाहिए। आज का युवा नई तकनीक का अधिक प्रयोग कर रहे हैं। अगर इस तकनीक का प्रयोग सही दिशा में प्रयोग किया जाए तो यह कामयाबी के लिए रास्ते भी खोलती है। इस लिए तकनीक का गलत प्रयोग न कर युवा सही दिशा में कदम बढ़ाएं। सेना में भी युवाओं के लिए रास्ते खुले हैं और सिविल सर्विस में भी अनेक अवसर मिलते हैं।
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गांव से बने अनेक अधिकारी
सिलानी गांव से एक आइएएस, एक आइआरएस, एक ब्रिगेडियर, चार कर्नल सहित 98 अधिकारी बने हैं। इनमें आइएएस हवा¨सह, आयकर आयुक्त आजाद ¨सह, ब्रिगेडियर सतबीर ¨सह सेवानिवृत्त हो चुके हैं। जबकि इस बार यूपीएसई की परीक्षा पास करने वाले सागर चाहार भी इसी गांव के लाडले हैं जिनका 24 जून को गांव में स्वागत किया जाएगा।
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सचिन चाहर ने वर्ष 2006 में मिल्ट्री स्कूल धौलपुर में दाखिल हुआ था। करीब सात साल तक इस स्कूल में पढ़ने के बाद वर्ष 2013 में पास आउट हुआ था। सात साल में सचिन की कभी कोई शिकायत नहीं आई और वह टॉपर बच्चों में शामिल रहा है। मेरे अनेक शिष्यों ने कमीशन प्राप्त किया है। लेकिन स्वार्ड ऑफ ऑनर सचिन ने अर्जित किया है।
- आरएस कटारिया, पूर्व शिक्षक, मिलिट्री स्कूल, धौलपुर।
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सिलानी गांव ने सेना को अनेक अधिकारी दिए हैं। अधिकांश परिवारों का सेना से नाता है। लेकिन जो युवा अधिकारी बनकर आते हैं। वे दूसरों के लिए भी प्रेरणा होते हैं। ऐसे युवाओं से अन्य बच्चों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए।
- राज¨सह चाहार, निवासी सिलानी।
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लेफ्टिनेंट सचिन ने सेना कमिशन प्राप्त कर देश का नाम रोशन किया है। आज इस लाडले का गांव और क्षेत्र के लोगों भव्य स्वागत किया है ताकि अन्य युवा भी देश के लिए बेहतर कर सकें। आज हमारा सीना गर्व से ऊंचा हो गया है।
- ऋषिपाल, प्रधान, चाहार खाप-17 ।
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जब भी कोई युवा किसी भी क्षेत्र में अच्छा काम करता है तो उसका सम्मान करना समाज का भी फर्ज है। एक साधारण परिवार से निकल को कोई युवा देश की सेवा के लिए अच्छे पद पर नियुक्त होता है तो इससे बड़ी खुशी गांव और क्षेत्र के लिए क्या होगी। सचिन ने आज सिलानी गांव का ही नहीं देश का नाम रोशन किया है।
- पवन कुमार, सरपंच, सिलानी केशो।
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देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में कई देशों के युवा कमिशन प्राप्त कर आते हैं। लेकिन सब क्षेत्रों में बेहतर करने वाले युवा को स्वार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है और सिलानी गांव के बेटे को मिला है। यह क्षण गांव और क्षेत्र के लिए सबसे बड़ी खुशी का है।
- प्रीत¨सह, सरपंच प्रतिनिधि, सिलानी जालिम।
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