Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सूने हुए साज : पंडित और जागरण पार्टियों को नहीं मिल रहा काम

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 11 Jun 2021 06:20 AM (IST)

    लॉकडाउन में खूब हवन हुए। लेकिन पंडित जी को बुलाकर घर में हवन नहीं करवाए गए।

    Hero Image
    सूने हुए साज : पंडित और जागरण पार्टियों को नहीं मिल रहा काम

    जागरण संवाददाता, झज्जर : लॉकडाउन में खूब हवन हुए। लेकिन, पंडित जी को बुलाकर घर में हवन नहीं करवाए गए। कारण कि सामूहिक हवन के अलावा लोगों ने अन्य पारिवारिक कार्यों की तरफ इन दिनों में कदम नहीं बढ़ाया। दूसरा, जागरण पार्टी, मंडलियों आदि को भी काम नहीं मिल रहा है। ढोलक, तबला बजाने वाले साजिदे मजदूरी में इन दिनों मजदूरी या दिहाड़ी करते हुए अपना कार्य कर रहे हैं। जिन लोगों का इन कार्यों के अलावा कोई दूसरा कार्य था, उनका तो किसी तरह से गुजारा हो रहा है। लेकिन, दैनिक दिहाड़ी करने वालों पर बड़ा संकट आन बना है। सरकार के स्तर पर अब हर तरह की रियायत दिए जाने की मांग तेज होने लगी हैं। ताकि, परिवार का पालन पोषण करने में हो रही परेशानी में कुछ निजात मिल सके। एक साल पहले जब मार्च में लॉकडाउन लगा तो, सब तरह के कारोबार बेपटरी हो गए थे। नवरात्र भी फीका गया था। दोबारा भी वैसे ही हालात बनते हुए दिख रहे हैं। पंडित, जागरण पार्टी और मंडलियों को काम नहीं मिल पा रहा है। धार्मिक आयोजनों की बाट जोहने वाले जागरण मंडली संचालकों और इनसे जुड़े लोगों को उम्मीद थी कि कारोबार चल निकलेगा, लेकिन कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद नाइट क‌र्फ्यू लगने से अरमानों पर पानी फिर गया है। बता दें कि नवरात्र में विशेष धार्मिक आयोजन होते हैं, खासकर देवी के जागरण कराए जाते हैं। इसको लेकर जागरण मंडली के कलाकार पूरे साल तैयारी करते हैं। लेकिन, यह सभी कुछ फीका गया। दूसरा, अप्रैल से लेकर जुलाई तक मंगल कार्यों के लिए 50 से अधिक शुभ मुहूर्त थे। लॉकडाउन होने की वजह से प्रतिबंध लागू थे। ऐसे में किसी भी तरह के धार्मिक आयोजन नहीं हो पाए। : पं. नरेंद्र शास्त्री के मुताबिक शहर में 15 से ज्यादा जागरण मंडली संचालक हैं, जिनके पास धार्मिक आयोजनों की बुकिग होती थी। लेकिन, नाइट क‌र्फ्यू की वजह से सब बुकिग निरस्त हो गईं। ऐसे में देवी के जागरण करने वाली मंडली में ढोलक, गायक, साउंड, देवी का भवन (दरबार), झांकी, कथा-कोरस आदि जिम्मेदारी संभालने वाले करीब 20 लोग जुड़े होते हैं। धार्मिक आयोजनों से जो मेहनताना मिलता है, उससे परिवार पालते हैं। आयोजनों पर ब्रेक लगने से रोजी रोटी का संकट आ गया है। इस बार उम्मीद थी कि काम चलेगा, लेकिन ऐन वक्त पर नाइट क‌र्फ्यू लागू हो गया। पं. प्रथम शर्मा एवं पं. गुलशन शर्मा के मुताबिक जागरण पार्टी के पास कई कई धार्मिक आयोजनों की बुकिग थी। अधिकांश आयोजकों ने कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं, जिससे भारी नुकसान हुआ है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कोरोना ने कारोबार को चौपट कर दिया है, क्योंकि पिछले साल भी खाली बैठे रहे थे और इस बार यही हो गया। ऐसे में सरकार के स्तर पर हर वर्ग का ध्यान रखा जाना चाहिए। देखा जाना चाहिए कि लोगों के घर-परिवार में किस तरह से गुजारा हो रहा हैं।

    comedy show banner
    comedy show banner