Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    झज्जर में डीसी दौरे के बाद भी नीमवाली कॉलोनी में बदहाली बरकरार, स्थानीय लोगों ने प्रशासन से लगाई मदद की गुहार

    Updated: Tue, 25 Nov 2025 04:06 PM (IST)

    झज्जर की नीमवाली कॉलोनी में डीसी के दौरे के बाद भी हालात नहीं सुधरे हैं। गलियों में गंदा पानी भरा है और निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है। भूमिगत जलस्तर ऊंचा होने से सीवर ओवरफ्लो हो रहा है, जिससे बीमारियाँ फैलने का डर है। स्थानीय लोग नरक जैसे हालात में जीने को मजबूर हैं और प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं।

    Hero Image

    झज्जर में डीसी दौरे के बाद भी नीमवाली कॉलोनी में बदहाली बरकरार (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, झज्जर। शहर की नीमवाली कालोनी इन दिनों बदहाली का जीता-जागता उदाहरण बन चुकी है। डीसी के बीते माह निरीक्षण ने लोगों में उम्मीद जरूर जगाई थी, पर हालात जस के तस बने हुए हैं। बुद्धो माता मंदिर से लेकर मुख्य किरयाने की दुकान तक पूरी गली आज भी गंदे पानी से भरी पड़ी है। बदबू ऐसी कि सांस लेना मुश्किल और हालात ऐसे कि पैदल चलना भी जोखिम भरा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कॉलोनी पहुंचने पर पहली नजर में ही साफ दिखता है कि प्रशासनिक स्तर पर की गई कोशिशें नाकाफी रही हैं। कीचड़, जलभराव और सीवर ओवरफ्लो ने जीवन को दुश्वार बना दिया है। स्थानीय लोग बताते हैं कि डीसी के जाने के बाद कुछ दिन नाले और सड़क की खुदाई शुरू हुई थी, लेकिन काम जैसे शुरू हुआ वैसे ही रुक गया।

    जेसीबी लगते ही फूट पड़ा पानी, निर्माण कार्य ठप : कालोनीवासी शिव कुमार, अजय, मीना देवी, माला देवी, मनु, सुभाष, पवन कुमार, सुदेश देवी, संतरा, जगदीश और ओमप्रकाश ने बताया कि जैसे ही जेसीबी ने नाले की खुदाई शुरू की, जमीन के भीतर से तेज़ी से पानी निकलने लगा। भूमिगत जलस्तर इतना ऊपर है कि ठेकेदार को काम रोकना पड़ा। नालों की क्षमता पहले ही कम है, ऊपर से जलभराव के कारण सीवर बैकफ्लो करने लगा और गलियों में गंदा पानी भर गया।

    स्वास्थ्य खतरे की घंटी- सीवर ओवरफ्लो और बढ़ती बीमारी का डर

    नीमवाली कालोनी में गंदा पानी घरों और दुकानों के सामने जमा है। लगातार उठती दुर्गंध और मच्छरों की बढ़ती तादाद ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह माहौल बेहद खतरनाक बन चुका है। उल्टी-दस्त, चक्कर और सांस की शिकायतें बढ़ने लगी हैं।

    तकनीकी बदलाव के बिना नहीं सुधरेंगे हालात

    पार्षद दिनेश कुमार का कहना है कि समस्या की जड़ ऊंचा भूमिगत जलस्तर है। नालियों की गहराई और सीवर लाइन की क्षमता बढ़ाए बिना जलभराव से छुटकारा मिलना मुश्किल है। इसके लिए बड़े स्तर पर पाइपलाइन बदलाव और पंपिंग सिस्टम की जरूरत है।

    लोगों की पीड़ा - नरक जैसे हालात, कोई सुनने वाला नहीं
    विकास कुमार - “डीसी साहब आए थे, दो दिन काम हुआ, फिर सब बंद। पानी इतना कि बच्चे स्कूल नहीं जा पाते।”
    रामफल - “प्रशासन सिर्फ दिखावा करता है। यहां रहना तो जैसे नरक में रहने जैसा हो गया है।”
    लोकेश गहलावत - “जेसीबी लगाई, लेकिन जमीन से पानी फूट पड़ा। इस कालोनी की सुध लेने वाला कोई नहीं।”
    नानक सैनी - “मच्छरों की भरमार है। डर है कि कोई बड़ी बीमारी न फैल जाए। बुजुर्ग घर से बाहर भी नहीं निकल पाते।”
    ---