जागरण पड़ताल : महामृत्युंजय मंत्र के साथ गांव कोंद्रावली में ट्रैक्टर पर हो रहा हवन
अपने भाई का गांव सुबाना से इलाज करा रहे गांव कोंद्रावली के सरंपच प्रतिनिधि सुनील नंबरदार मुश्किल की इस घड़ी में भी हिम्मत रखे हुए हैं।

अमित पोपली, झज्जर :
अपने भाई का गांव सुबाना से इलाज करा रहे गांव कोंद्रावली के सरंपच प्रतिनिधि सुनील नंबरदार मुश्किल की इस घड़ी में भी हिम्मत रखे हुए हैं। गांव के लोगों को हौसला रखने की सलाह दे रहे हैं। साफ कह रहे हैं कि अगर इस समय एक-दूसरे के काम नहीं आए तो खराब माट्टी हो जावेगी। दरअसल, गांव में पिछले करीब 15 दिन में नौ लोगों की मौत हो चुकी हैं। जिसमें हर आयु वर्ग के लोग शामिल हैं। बकौल सरपंच प्रतिनिधि गांव में करीब 250 घर हैं। ऐसा ही शायद कोई घर हो, जिसमें कोई बीमार नहीं हैं। देसी अंदाज में बात आगे बढ़ाते हुए सुनील ने कहा कि गांव में इसा हो रय्या सै कि हर घर में खाट बिछी हैं। सर्व-मंगल की कामना करते हुए वीरवार को गांव के मंदिर से ट्रैक्टर में हवन की शुरुआत की गई। गांव का हर ग्रामीण हवन में आहुति डालें। बकायदा इसके लिए ट्रैक्टर को हर गली में हर घर तक ले जाया गया। महामृत्युंजय मंत्र के साथ हुए हवन में गांव के हर परिवार से किसी ना किसी सदस्य ने आहुतियां डाली हैं। ताकि, गांव पर आई आपदा किसी तरह से टल जाए। लेकिन, हो रही इन मौतों का कारण स्पष्ट नहीं हैं।
गांव चिमनी में एक माह में 30 से अधिक मौत, पेंचीदा बनी स्थिति
बेरी क्षेत्र के गांव चिमनी की आबादी करीब छह हजार हैं। घर करीब 11 से 12 सौ तक हैं। सरपंच प्रतिनिधि कुलबीर के मुताबिक इतना माड़ा वक्त हमने ना तो आज तक देखा और ना ही सुना। पिछले करीब 15 दिन में 22 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि एक माह में 30 से जयादा। कुल मिलाकर हालात यह है कि घर में बुखार से तो कोई आदमी बच रहा हैं। लेकिन, बुखार से घर नहीं बच रहा। हालांकि, मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए लोग पहले से ज्यादा चितित हैं। घर से बाहर निकलने में भी परहेज करने लगे हैं। नियमित तौर पर गर्म पानी पी रहे हैं। अगर किसी के यहां पर आना-जाना हो रहा हैं तो सैनिटाइजर का इस्तेमाल हो रहा हैं। लेकिन, मौत के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं। भीड़ पर नियंत्रण रखने के लिए मांगी पुलिस की मदद
गांव दुबलधन बिध्यान के सरपंच महाबीर के मुताबिक गांव में पिछले करीब 15 दिन में 15 लोगों की मौत हो चुकी हैं। घर से बाहर निकलने से लोग अब परहेज करने लगे हैं। इन मौतों में चार-पांच मौत तो 28 से 35 साल के लोगों की हुई है। जो कि खुद परिवार में इकलौते थे या शादी होने के बाद उनकी एक छोटी संतान है। गांव में बुखार आदि का भी हाल बुरा ही हैं। सरकार को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की व्यवस्था करनी चाहिए। ताकि, स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सके। इधर, गांव में जाल पाली चौपाल में भीड़ जुटने का समाचार मिला था, इसके लिए थाना प्रभारी बेरी से बातचीत करते हुए मदद मांगी हैं।
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