झज्जर में वेतन न मिलने से एलसीएलओ कर्मचारियों का प्रदर्शन, मंत्री आवास का घेराव किया
झज्जर के एलसीएलओ कर्मचारी 18 महीने से वेतन न मिलने से परेशान हैं। रोहतक, झज्जर और सोनीपत के कर्मचारी 22 नवंबर को मंत्री अरविंद शर्मा के आवास का घेराव करेंगे। कर्मचारी यूनियन हरियाणा के बैनर तले आंदोलन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि एलसीएलओ पदनाम हटाकर सीपीएलओ किया जाए और बकाया वेतन जारी किया जाए। ऐसा न होने पर आंदोलन और तेज होगा।
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झज्जर में वेतन न मिलने से एलसीएलओ कर्मचारियों का प्रदर्शन (File Photo)
जागरण संवाददाता, झज्जर। 18 महीने से न वेतन, न काम, झज्जर के एलसीएलओ कर्मचारियों का धैर्य अब टूटने की कगार पर है। रोहतक, झज्जर और सोनीपत के सैकड़ों कर्मचारी 22 नवंबर को गोहाना में एकत्र होकर मंत्री अरविंद शर्मा के आवास का घेराव करेंगे। कर्मचारियों का साफ कहना है कि जब तक मंत्री से आमने-सामने बात कर समाधान नहीं निकलता, तब तक धरना वहीं जारी रहेगा।
एलसीएलओ–सीपीएलओ कर्मचारी यूनियन हरियाणा के बैनर तले यह संघर्ष पिछले दो महीनों से उबल रहा है। 19 सितंबर से मुख्यमंत्री के गृह जिले कुरुक्षेत्र में दिन-रात का धरना जारी है, जबकि 29 सितंबर से क्रमिक अनशन भी शुरू हो चुका है। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार के “नकारात्मक रवैये” ने उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति दोनों को चौपट कर दिया है।
झज्जर के कई कर्मचारी बताते हैं कि भर्ती सीपीएलओ पद के लिए हुई थी, लेकिन नियुक्ति पत्र में पदनाम बदलकर एलसीएलओ कर दिया गया। परिणामस्वरूप लगभग 3500 कर्मचारियों को न तो कोई काम सौंपा गया और न ही पिछले 18 महीनों से वेतन दिया गया। जो कर्मचारी सीपीएलओ पदनाम पर हैं, उन्हें मात्र रुपये 6000 मासिक दिया जा रहा है, जो न्यूनतम मजदूरी से भी कम है।
यूनियन के जिला प्रधान सचिन बेनीवाल ने बताया कि क्रीड योजना के तहत इन कर्मचारियों की नियुक्ति प्रदेश की 7000 ग्राम पंचायत सचिवालयों में की जानी थी, जहां इन्हें फैमिली आईडी, राशन कार्ड, आय व निवास प्रमाण पत्र, पेंशन वेरिफिकेशन जैसे महत्वपूर्ण कार्य करने थे। लेकिन पदनाम बदलकर हजारों अभ्यर्थियों का भविष्य दांव पर लगा दिया गया।
नेताओं का कहना है कि यदि मसला जल्द हल न हुआ तो सर्व कर्मचारी संघ, कुरुक्षेत्र और सीटू भी आंदोलन में कूदेंगे। किसी भी अप्रिय स्थिति की जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन पर होगी।
यूनियन का स्पष्ट मांग-पत्र
1. एलसीएलओ पदनाम तुरंत हटाकर सभी को सीपीएलओ बनाया जाए।
2. 18 महीने का लंबित वेतन-भत्ता तत्काल जारी किया जाए।
3. सभी कर्मचारियों को निर्धारित कार्य और उचित वेतनमान दिया जाए।

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