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    मनु भाकर को खेल रत्न और अमन को अर्जुन अवार्ड, खिलाड़ियों के गांव में खुशी का माहौल; बेहद कठिन गुजरा था पहलवान का जीवन

    हरियाणा के झज्जर जिले के दो खिलाड़ियों ने खेल जगत में अपनी अविश्वसनीय उपलब्धियों के लिए प्रतिष्ठित खेल पुरस्कार जीते हैं। निशानेबाज मनु भाकर को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है जबकि पहलवान अमन सहरावत को अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया है। दोनों खिलाड़ियों के गांव में जश्न का माहौल है। बधाई दे रहे हैं।

    By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Fri, 03 Jan 2025 11:18 AM (IST)
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    मनु भाकर को खेल रत्न और अमन सहरावत को मिलेगा अर्जुन अवार्ड। फाइल फोटो

    विक्की जाखड़, साल्हावास (झज्जर)। नए साल के दूसरे दिन जिला झज्जर के खिलाड़ियों के हिस्से दोहरी उपलब्धि आई हैं। युवा एवं खेल मंत्रालय की ओर से एथलीटों की जारी सूची के मुताबिक ओलिंपिक में दो-दो पदक विजेता गोरिया गांव निवासी शूटर मनु भाकर को खेल रत्न तो ओलिंपिक पदक विजेता बिरोहड़ गांव निवासी पहलवान अमन सहरावत को अर्जुन अवार्ड देने की घोषणा की गई है।

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    घोषणा के बाद दोनों खिलाड़ियों के गांव और परिवार में खुशी का माहौल है। जिसे लेकर उनका कहना है, सरकार ने उन्हें यह सम्मान देकर खिलाड़ियों का हौंसला बढ़ाने का काम किया है। जिससे उन्हें आगे और बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी।

    पेरिस ओलंपिक 2024 में मनु का प्रदर्शन

    26 जुलाई से शुरू हुए पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल वीमेंस इवेंट में मनु भाकर ने भारत को पेरिस ओलिंपिक का पहला कांस्य मेडल दिलाया। जिसके बाद वह शूटिंग में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बनीं।

    30 जुलाई को मनु ने सरबजीत सिंह के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित युगल का कांस्य पदक जीता। इस प्रकार मनु भाकर ने एक ओलिंपिक में दो पदक जीतकर इतिहास रच दिया। जबकि, पेरिस 2024 में महिलाओं की 25 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में मनु भाकर 28 अंकों के साथ चौथे स्थान पर रहीं।

    अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी है मनु

    साल 2017 में मनु ने केरल में नेशनल चैंपियनशिप में नौ स्वर्ण पदक जीतकर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था। इसी वर्ष एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में भाकर ने रजत पदक अपने नाम किया, मैक्सिको के गुआदालाजरा में 2018 अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट शूटिंग वर्ल्ड कप के 10 मीटर एयर पिस्टल फ़ाइनल में, भाकर ने दो बार के चैंपियन अलेजांद्रा ज़वाला को हराया।

    इस जीत से वे वर्ल्ड कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय बन गईं। साल 2018 में आईएसएसएफ़ जूनियर विश्व कप में भी डबल स्वर्ण जीता, उसी वर्ष, 16 साल की उम्र में, उन्होंने 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता, अपने स्कोर के साथ साथ उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में एक नया रिकार्ड भी स्थापित किया।

    मई 2019 में, मनु ने म्यूनिख आईएसएसएफ़ विश्व कप में चौथे स्थान पर रहने के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में 2021 टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया। अगस्त 2020 में मनु भाकर को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने एक वर्चुअल पुरस्कार समारोह में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया था। अब उन्हें खेल रत्न से सम्मानित किया जाएगा।

    संयुक्त परिवार की ताकत से ओलिंपिक तक पहुंचे अमन

    गांव बिरोहड़ निवासी पहलवान अमन सहरावत का ओलिंपिक तक का सफर बहुत मुश्किलों भरा रहा है। अमन ने बचपन में ही माता-पिता को खो दिया था। पहले अमन की मां का हार्टअटैक से निधन हो गया था, तब उनकी उम्र 10 साल थी। फिर लगभग एक साल बाद उनके पिता भी चल बसे।

    इसके बाद अमन और उनकी छोटी बहन पूजा सहरावत को एक मौसी की देखभाल में छोड़ दिया गया। माता-पिता की मृत्यु के बाद अमन गंभीर अवसाद से जूझ रहे थे, ऐसे में उनके दादा मांगेराम सहरावत ने उन्हें संभाला और इससे उबरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

    जब धीरे-धीरे अमन ठीक होने लगे तो उन्होंने कुश्ती में अपना जौहर दिखाना शुरू कर दिया। एक संयुक्त परिवार में शामिल सभी स्वजनों ने उसे इस मुकाम तक पहुंचने में हर संभव मदद की। जिसके बूते वे ओलिंपिक का हिस्सा बन पाए।

    बता दें कि एक सादा जीवन जीने वाले अमन सहरावत ने छत्रसाल स्टेडियम के अपने कक्ष में विशेष रूप से ऐसी लाइनों को स्थान दिया है, जिससे उन्हें रोजना आगे बढ़ने और मेडल जीतने की प्रेरणा मिलती है।

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