झज्जर का माछरौली हाईवे बना मौत का जाल, घने कोहरे में बच्चों को स्कूल भेजने में हिचक रहे अभिभावक; कब बनेगा फुट ओवरब्रिज?
झज्जर के माछरौली में रोहतक-झज्जर-रेवाड़ी हाईवे पर घने कोहरे के कारण स्कूली बच्चों का सड़क पार करना खतरनाक हो गया है। दृश्यता कम होने से दुर्घटना का खत ...और पढ़ें

माछरौली में रोहतक-झज्जर-रेवाड़ी हाईवे पर घने कोहरे के कारण स्कूली बच्चों का सड़क पार करना खतरनाक हो गया है (फोटो: जागरण)
संवाद सूत्र, माछरौली। यह गांव रोहतक–झज्जर–रेवाड़ी को जोड़ने वाले मुख्य राष्ट्रीय मार्ग (हाईवे) पर स्थित है और यहीं इसी मार्ग के किनारे पीएम श्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भी बना हुआ है।
समस्या यह है कि गांव स्कूल से मुख्य सड़क के विपरीत दिशा में है। बच्चों को रोज़ाना इस व्यस्त मार्ग को पार कर स्कूल पहुंचना पड़ता है। सुबह के समय जब खास तौर पर कोहरा गहराता है, तो यह हाईवे जानलेवा रास्ता बन जाता है।
सुबह के समय 8 से 9 बजे के बीच कोहरा इतना घना होता है कि 10-15 मीटर तक देख पाना मुश्किल हो जाता है। कोहरे की सफेद चादर में वाहन और पैदल बच्चों दोनों की दृश्यता पूरी तरह छिप जाती है।
ग्रामीण बताते हैं कि कई बार ट्रक और बसें अचानक सामने आ जाती हैं, जिससे बड़ी दुर्घटनाएं टलते-टलते बची हैं।
रोहतक–झज्जर–रेवाड़ी मार्ग हर समय भारी वाहनों से गुलज़ार रहता है। इस हाईवे से रोज़ाना ट्रक, बसें और निजी वाहन तेज़ रफ़्तार से गुजरते हैं। कोहरे में वाहन चालकों को सड़क किनारे बच्चों की हलचल या सड़क पार करते स्कूली समूह नज़र ही नहीं आते।
ग्रामीणों का कहना है कि तेज़ रफ़्तार और घटती दृश्यता के चलते यह क्रासिंग बच्चों सहित ग्रामीणों के लिए दुर्घटनाओं का एक तरह से जाल बन चुकी है।
माछरौली और आसपास के गांवों के काफी बच्चे इस स्कूल में पढ़ते हैं। हर सुबह अभिभावक बच्चों को सड़क पार करवाने जाते हैं, मगर सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतज़ाम नहीं हैं। हालांकि, उन अभिभावकों के लिए चिंता ज्यादा है। जो किन्हीं परिस्थितियों में ऐसा नहीं कर पाते।
अभिभावक, सीमा देवी कहती हैं कि हम बच्चों को भेजते समय डरते रहते हैं, न कोई पुलिसकर्मी तैनात है, न रफ़्तार पर नियंत्रण। प्रशासन को कोहरे के मौसम में विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। खास तौर पर ऐसे दुर्घटना संभावित स्थानों पर।
बचाव और सुरक्षा उपायों की मांग
- सुबह के स्कूल समय में ट्रैफिक पुलिसकर्मी या सुरक्षा गार्ड की तैनाती।
- हाईवे पर स्पीड लिमिट कम करना और चेतावनी साइनबोर्ड लगाना।
- अस्थायी बैरिकेड या बच्चों के लिए पैदल पुल (फुटब्रिज) बनाने की योजना।
- कोहरे में ड्राइवरों के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए।

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