एक अप्रैल तक खेल कोटा बहाल नहीं दिया तो दो को रोहतक बीजेपी कार्यालय के बाहर करेंगे दंगल : नवीन जयहिद
-मूसल लेकर पत्रकार वार्ता में पहुंचे नवीन जयहिद लहराकर सीएम व मंत्री को दी चेतावनी -कहा आइएएस व आइपीएस बनाना आसान खिलाड़ी पैदा करना मुश्किल -उठाया सवा ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, झज्जर : आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डा. नवीन जयहिद ने कहा कि सरकार द्वारा एक अप्रैल तक सरकारी नौकरियों से काटा गया खेल कोटा बहाल नहीं किया तो दो अप्रैल को रोहतक में बीजेपी प्रदेश कार्यालय के बाहर दंगल होगा। बीजेपी कार्यालय का घेराव व दंगल में प्रदेशभर से खिलाड़ी, कोच व अन्य लोग इसमें शामिल होंगे। इसके बाद भी सरकार खेल कोटा बहाल नहीं करती है तो सरकार के विरुद्ध सख्त रुख अपनाया जाएगा। यह बात नवीन जयहिद ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता में कहीं। पत्रकार वार्ता में उन्होने मूसल लहराते हुए मुख्यमंत्री व मंत्री को चेतावनी दी। कहा खुद ही मुख्यमंत्री हरियाणा में मूसल का अर्थ समझें और खेल कोटा बहाल करें।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने खिलाड़ियों का तीन प्रतिशत खेल कोटा खत्म कर दिया है। सीधे-सीधे खिलाड़ियों की 15 हजार सरकारी नौकरियों पर डाका डाला है। सरकार खिलाड़ियों को बर्बाद करना चाहती है। जो खिलाड़ी ओलिपिक व एशियन खेलों में मेडल लेकर आता है तो वह चपरासी कैसे लगेगा। उनको अच्छे पद पर नौकरी देनी चाहिए। ताकि दूसरे खिलाड़ियों को भी आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा मिले। बजरंग पूनिया, मन्नू भाकर व झज्जर के सभी खिलाड़ियों से आह्वान किया कि वे सरकार के इस निर्णय के खिलाफ आवाज उठाएं और रोहतक पहुंचने का न्योता दिया। साथ ही हड़ताली कर्मचारियों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कर्मचारियों की मांग जायज है। एक तरफ एमपी व एमएलए जितनी बार भी जीतते हैं, उतनी बार ही पेंशन लेते हैं, जबकि कर्मचारी 20-25 साल तक नौकरी करने के बाद भी पेंशन के हकदार नहीं। सरकार को चाहिए कि कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल की जाए।
नवीन जयहिद ने सीएम पर तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने खुद तो कभी खेल नहीं खेला, तो वे खिलाड़ियों की परेशानी भी कैसे समझ सकते हैं। खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए पूरा परिवार दिन-रात मेहनत करता है। आइएएस व आइपीएस अधिकारी बनाना आसान है, जबकि खिलाड़ी बनाना मुश्किल। इसलिए खिलाड़ियों के साथ ऐसा भद्दा खिलवाड़ सहन नहीं होगा। खेल मंत्री खुद खिलाड़ी रह चुके हैं, इसलिए खिलाड़ियों की परेशानी समझनी चाहिए। इसलिए खेल कोटा खत्म करने का विरोध करना था, लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया। विपक्ष भी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है। हरियाणा की पहचान पहलवान व जवान है। इसलिए खिलाड़ियों को नौकरी में उचित कोटा मिलना चाहिए। सरकार ने तो तीन प्रतिशत कोटा भी काट लिया, जबकि इसे बढ़ाकर छह प्रतिशत करना चाहिए। सरकार ने प्रतिवर्ष एक लाख नौकरी देने का दावा किया था, इस हिसाब से प्रतिवर्ष तीन हजार खिलाड़ियों को नौकरी मिलनी थी, जिसका सीधा नुकसान खिलाड़ियों को होगा।

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