हनुमान ने उजाड़ी अशोक वाटिका, किया लंकनी का उद्धार
बुधवार को दिन की रामलीला में श्रीराम से मित्रता के उपरांत सुग्रीव ने अपनी संपूर्ण सेना माता जानकी की खोज में भेज देते हैं
जागरण संवाददाता, झज्जर :
श्रीरामलीला का मंचन प्राचीन रामलीला मैदान सहित शहर के अलग-अलग स्थानों पर हो रहा हैं। बड़े भाव के साथ लोग भगवान राम की लीलाओं का मंचन देख रहे हैं। बुधवार को दिन की रामलीला में
श्रीराम से मित्रता के उपरांत सुग्रीव ने अपनी संपूर्ण सेना माता जानकी की खोज में भेज देते हैं, परन्तु दक्षिण के समुद्र को लांघ पाना किसी के लिए संभव नहीं हो पाता, तब जामवंत जी हनुमान जी को उनकी शक्ति का बोध कराते हैं। हनुमान जी वायु मार्ग से लंका के द्वार पर पहुंचते हैं। जहां लंकनी का उद्धार करते हैं। विभीषण, हनुमान जी को माता जानकी का पता बताते हैं तब हनुमान अशोक वाटिका में छिपकर रावण एवं जानकी के वार्तालाप को सुनते हैं एवं रावण के जाने के बाद जानकी एवं हनुमान की वार्तालाप होती है। जिसमे हनुमान जी श्रीराम का संदेश बताते हैं कि श्रीराम शीघ्र ही उन्हें उस बंधन से मुक्त करवाएंगे। जानकी की आज्ञा से हनुमान जी वाटिका के फल खाने लगते हैं वहां उपस्थित जम्बू माली से युद्ध होता है, हनुमान, जम्बू माली का वध करते हैं। रावण को इस घटना की सूचना मिलती है, तब वह अपने पुत्र अक्षय कुमार को पहुंचाता है। अक्षय कुमार से युद्ध कर हनुमान जी उसका भी वध करते हैं। अंत में रावण का पुत्र मेघनाथ युद्ध के लिए आता है और हनुमान जी को ब्रह्म अस्त्र का प्रयोग कर बंदी बना कर रावण के समक्ष प्रस्तुत करता है। रावण सभा में हनुमानजी के वध करने का आदेश देता है, जिस पर विभीषण रोक कर कहते हैं कि दूत का वध करना नीति विरुद्ध है, लिहाजा फिर रावण हनुमान जी की पूछ में आग लगाने का आदेश देता है। परन्तु हनुमान जी विभीषण के महल को छोड़कर सम्पूर्ण लंका में आग लगा देते है। बॉक्स : इधर, हो रहे रामलीला मंचन के साथ-साथ दशहरा के लिए पुतले तैयार करने का काम भी जोर-शोर से चल रहा है। प्राचीन रामलीला मैदान में रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों का दहन होगा।