झज्जर में डेढ़ महीने पहले बेची थी किसानों ने फसल, अब तक नहीं मिला पैसा; डीसी को सौंपा ज्ञापन
झज्जर के माजरा दुबलधन गांव में किसानों को फसल बेचने के डेढ़ महीने बाद भी भुगतान नहीं मिला है। भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में किसानों ने डीसी दरबार में गुहार लगाई। उपायुक्त ने जांच का आश्वासन दिया है। किसान यूनियन ने सरकार पर आरोप लगाते हुए 72 घंटे में भुगतान न होने पर मोर्चा खोलने की चेतावनी दी है।

जागरण संवाददाता, झज्जर। बेरी के गांव माजरा दुबलधन की अनाज मंडी में किसानों द्वारा डेढ़ महीने पहले मंडी में फसल को बेच दिया था, लेकिन फसल के पैसे डेढ़ महीने से उनके खातों में नहीं आए हैं। जिसको लेकर किसान आर्थिक रूप से परेशान हो गए।
सोमवार को किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल भारतीय किसान यूनियन चढूनी के नेता तेजबीर सिह कादयान के नेतृत्व में लघु सचिवालय में डीसी दरबार में फसल के पैसे दिलवाने के लिए गुहार लगाने के लिए पहुंचा। उपायुक्त ने किसान प्रतिनिधियों की सभी मांगों को ध्यान से सुना।
उन्होंने तुरंत एसडीएम बेरी को फसल के पैसे डेढ महीना बीतने के बाद भी क्यों नही पहुंचे है। डीसी ने एसडीएम बेरी को जांच अधिकारी लगाया गया। उन्होंने किसानों को एक सप्ताह का समय दिया। उन्होंने कहा कि किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है सरकार अपना काम पूरी पारदर्शिता के साथ कर रही है।
भारतीय किसान यूनियन चढूनी के जिलाध्यक्ष सुनील बेनीवाल ने बताया कि किसानों को परेशान करने का काम सरकार कर रही है। जब डेढ़ महीने पहले किसान रविंद्र, योगेश, विजय कुमार , सचिन और अन्य किसानों ने अपनी गेहूं की फसल माजरा दुबलधन अनाज मंडी में बेच दी थी, तो उनके पैसे आज तक क्यों नहीं पहुंचे।
उन्होंने मंडी प्रबंधन पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कहीं ना कहीं मंडी प्रबंधन के कर्मचारियों का ही यह किया धरा है। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन से घासीराम नैन, भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष सुनील बेनीवाल, पगड़ी संभाल जट्टा किसान संगठन से सागर राठी और अन्य पदाधिकारी डीसी कार्यालय में पहुंचे और अपनी मांग रखी। तेजबीर कादयान ने बताया कि 72 घंटे के अंदर किसानों के पैसे उनके खातों में नही आएं तो आगामी दिनों में लघुसचिवालय परिसर में पक्का र्मोचा खोला जाएगा।

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