Pollution level: चारपहिया वाहन में हरियाणा से दिल्ली जाने वाले हो जाएं सावधाान, डीजल गाड़ियों की नो एंट्री
दिल्ली-एनसीआर में डीजल से चलने वाले चौपहिया हल्के मोटर वाहनों पर रोक लगा दी है। परन्तु बीएस-6 और अनिवार्य तथा आपात सेवाओं में लगे वाहनों को इस प्रतिबंध से छूट दी गयी है। जिला झज्जर से जो वाहन दिल्ली में जाते हैं उनके लिए भी काफी समस्या आ सकती है।

झज्जर, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आस-पास के क्षेत्रों के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने परिवेशी वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में डीजल से चलने वाले चौपहिया हल्के मोटर वाहनों पर रोक लगा दी है। वैसे, बीएस-6 और अनिवार्य तथा आपात सेवाओं में लगे वाहनों को इस प्रतिबंध से छूट दी गयी है। इलेक्ट्रिक और सीएनजी को छोड़ कर अनिवार्य वस्तुओं की ढुलाई करने वाले अन्य ट्रकों के प्रवेश पर भी रोक लगाई गयी है।
लोगों को सांस लेने में हो रही दिक्कतें
ऐसे में जिला झज्जर से जो वाहन दिल्ली में जाते हैं उनके लिए भी काफी समस्या आ सकती है। क्योंकि प्रतिबंध से झज्जर जिले के वाहन चालकों को साफ असर पड़ता दिखाई देगा। आयोग ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति पर विचार करने के लिए की गई आपात बैठक के बाद आदेश जारी किया आयोग ने दिल्ली-एनसीआर में राजमार्गों, फ्लाइओवरों, विद्युत ट्रान्समिशन और पाइप लाइनों के निर्माण सहित सरकारी परियोजनाओं में निर्माण कार्यों पर भी रोक लगाने का आदेश दिया है। सरकार की वायु गुणवत्ता समिति ने भी एनसीआर में स्वच्छ ईंधन का इस्तेमाल न करने वाले उद्योगों को बंद करने के आदेश दिये हैं।
बता दें कि लगातार हवा खराब रहने की वजह से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक हो चुका है जिस कारण लोगों को सांस लेने में भी काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। दिल्ली में पहले से ही कई पाबंदियां लगाई गई, उसके बावजूद भी प्रदूषण बढ़ता जा रहा है, जिस कारण फिर से सख्त नियम लागू किए गए हैं।
खुले में कूड़ा डालने और जलाने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एचएसआइआडीसी पर लगाया क्षतिपूर्ति शुल्क
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हरियाणा राज्य औद्योगिक संरचना विकास निगम(एचएसआइआइडीसी) के औद्योगिक क्षेत्रों में खुले में कूड़ा डालने व उसे जलाने के मामले में कड़ा संज्ञान लिया है। ग्रेप अवधि में इस तरह का उल्लंघन किए जाने पर बोर्ड ने एचएसआइआइडीसी पर 25 लाख रुपये का पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क लगाया है। यह राशि निगम को जल्द से जल्द बोर्ड के पंचकुला कार्यालय में डिमांड ड्राफ्ट के रूप में जमा करानी होगी।
बोर्ड ने निगम के वरिष्ठ प्रबंधक को कारण बताओ नोटिस भेजकर सेक्टर 16, 17 व 4बी में फुटवियर समेत अन्य इंडस्ट्री से निकलने वाले कूड़े का उचित निस्तारण करने के लिए 15 दिन का समय दिया है। साथ ही इस अवधि में निगम को कूड़े के उचित निस्तारण का एक्शन प्लान भी बोर्ड में जमा करना होगा। बोर्ड के एसडीओ अमित दहिया की ओर से कुछ दिनों पहले एचएसआइआइडीसी के अधीन इन औद्योगिक क्षेत्रों का निरीक्षण किया था।
इस दौरान औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क किनारे व अन्य स्थानों पर भारी मात्रा में औद्योगिक कूडा खुले में पड़ा मिला था और कई स्थानों पर यह जला हुआ भी था। इससे प्रदूषण फैलता है। ऐसे में बोर्ड ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए वीरवार शाम को निगम 25 लाख रुपये का पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क लगाने के आदेश जारी कर दिए।
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