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    बेरी विधानसभा के हिस्से आई भाजपा की जिला प्रधानी, विक्रम के सिर सजा ताज

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 20 Aug 2020 07:50 AM (IST)

    - चार विधानसभा सीटों वाले जिला झज्जर की सभी विधानसभा सीट कांग्रेस के कब्जे में ...और पढ़ें

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    बेरी विधानसभा के हिस्से आई भाजपा की जिला प्रधानी, विक्रम के सिर सजा ताज

    - चार विधानसभा सीटों वाले जिला झज्जर की सभी विधानसभा सीट कांग्रेस के कब्जे में

    - पूर्व जिलाध्यक्ष बिजेंद्र दलाल के स्थान पर विक्रम कादियान को मिला मौका

    - संगठन को मजबूत करने सहित मजबूत चेहरों को साथ लेकर चलने के लिए करनी पड़ेगी मेहनत - इधर, विक्रम ने संगठन एवं सरकार का जताया आभार, राजनैतिक परिवार की विरासत को आगे बढ़ा रहे विक्रम जागरण संवाददाता, झज्जर :

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    प्रदेशाध्यक्ष की कमान संभालने के बाद सक्रिय हुए ओम प्रकाश धनखड़ संगठनात्मक विस्तार की दिशा में निरंतर कदम बढ़ा रहे है। बुधवार को घोषित की गई जिलाध्यक्षों की सूची में बेरी विधानसभा क्षेत्र से दो दफा चुनाव लड़ चुके विक्रम कादियान के सिर पर प्रधानी का ताज सजा है। विक्रम के पिता ओम प्रकाश कादियान भी दो दफा बेरी का विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर चुके है। मौजूदा समय में जिस एसवाईएल को लेकर हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्री एक मंच पर बैठ कर वार्ता कर रहे हैं, को लेकर विक्रम कादियान के पिता ने अपने कार्यकाल में उल्लेखनीय कार्य किया था और क्षेत्र के लोगों की आवाज को बुलंद किया। कुल मिलाकर, कहा जा सकता है कि विक्रम अपने पिता की राजनैतिक विरासत को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। हालांकि, मौजूदा परिस्थितियों में जिला की राजनीति को देखें तो यहां पर भाजपा के कई मजबूत चेहरे हैं। लेकिन, विस में प्रतिनिधित्व नहीं। ऐसी स्थिति में मजबूत चेहरों को साथ लेकर चलना और विस में प्रतिनिधित्व तक पार्टी को लेकर जाना विक्रम के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। हालांकि, विक्रम बड़े सहज भाव से कहते है कि वे पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरने का हर संभव प्रयास करेंगे और संगठन शक्ति का नया अहसास यहां जिला के लोगों को होगा। युवा जोश और पुराने अनुभव को एक साथ लेकर मजबूती से कार्य किया जाएगा। चार विधानसभा सीटों वाले जिला झज्जर की सभी विधानसभा सीट कांग्रेस के कब्जे में : विधानसभा चुनाव में जिला की बेरी, बादली, बहादुरगढ़ और झज्जर सीट पर कांग्रेस का कब्जा हो जाने के बाद एक तरह से भाजपा बैकफुट पर चली गई थी। हालांकि, प्रदेश में गठबंधन की सरकार बनने के बाद ज्यादा हालात खराब तो नहीं हुए। लेकिन, विधानसभा स्तर पर गतिविधियां पहले की तुलना में कम हो गई थी। पिछले माह भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष की गद्दी ओम प्रकाश धनखड़ को सौंपे जाने के बाद से नए सिरे से भाजपा संगठन और जिला की राजनीति में जान आई है। सत्ता में होने के बावजूद भी विपक्ष में दिख रही भाजपा के अब कार्यक्रम पहले से ज्यादा होने लगे हैं। कुल मिलाकर, कहां जा सकता है कि राजनैतिक स्तर पर संतुलन बनने का समय प्रतीत होता है। इधर, विधानसभा चुनाव से पहले जिस तरह से जिला की जनता ने अरविद शर्मा को लोकसभा में पहुंचाया था, जैसा मजबूत माहौल दोबारा बनाने के लिए विक्रम कादियान को कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। राजनैतिक रूप से मिल रही मजबूती : दरअसल, जिला की चारों सीटों पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के अलावा अन्य कई ऐसे चेहरे थे जो कि टिकट की दौड़ में थे। टिकट नहीं मिल पाने की स्थिति में वे भी सरकार से आस लगाए हुए हैं। बादली का प्रतिनिधित्व करने वाले ओम प्रकाश धनखड़ प्रदेशाध्यक्ष नियुकत किए गए है। जबकि, विक्रम कादियान को जिलाध्यक्ष बनाए जाने के बाद एक तरह से बेरी विस को प्रतिनिधित्व मिला है। अब झज्जर विधानसभा और बहादुरगढ़ के हिस्से में क्या आता है। यह देखने लायक होगा। हालांकि, जिलाध्यक्ष के नाम से जुड़ी चर्चाओं की बात हो तो उसमें भी पिछले कई माह से कई प्रमुख चेहरों का जिक्र हो रहा था। लेकिन, अंतिम बात चार से पांच पर आकर रूक जाती थी। चूंकि, अब विक्रम कादियान के नाम की घोषणा हो चुकी है। देखने लायक होगा कि वे किस तरह से जिला में संगठन की गतिविधियों को किस तरह की ऊंचाई पर ले जाने का काम करते हैं।