..पेशी के दौरान भाई से हुई मुलाकात बनी गैंगस्टर काला की आखिरी मुलाकात
जागरण संवाददाता, झज्जर : बुधवार दिनदहाड़े पूर्व सरपंच राजीव उर्फ काला की हत्या के मामले में नीलोठी
जागरण संवाददाता, झज्जर :
बुधवार दिनदहाड़े पूर्व सरपंच राजीव उर्फ काला की हत्या के मामले में नीलोठी गांव से जुड़े अशोक गैंग का नाम सामने आ रहा है। हालांकि पुलिस इस मामले में अभी खुलकर तो कुछ नहीं बोल रही। लेकिन प्रथम दृष्टया हुई जांच में जो सामने आया वह भी पुलिस की उम्मीदों से विपरित ही रहा। चूंकि अभी तक इस बात जिक्र होता था कि करतार गैंग जिसके साथ राजीव उर्फ काला के वर्चस्व की लड़ाई चली आ रही थी, के द्वारा हमला बोला जा सकता है और उसी के मद्देनजर ही पुलिस सतर्क भी थी। दरअसल, पुलिस के लिए सकारात्मक पक्ष यह रहा कि घटना के दो अह्म आरोपी मौके से ही पकड़े गए। जिसके बाद हुई पूछताछ में ऐसा सामने आया है कि नीलोठी का गैंग इस घटनाक्रम के पीछे है। बहरहाल, पुलिस कड़ियां जोड़ते हुए मामले को सुलझाने के काफी नजदीक है और उम्मीद की जा सकती है बृहस्पतिवार को पूरे मामले का पटाक्षेप हो जाएगा। पुलिस कप्तान बी. सतीश बालन मामले में रूचि लेते हुए जांच पर नजर रखे हुए हैं।
भाई से रही आखिरी मुलाकात
जुलाई 2016 में आसौदा गांव के सरपंच रामबीर और उसके पिता बलबीर की हत्या का मामला जिला पुलिस ने दर्ज किया था। दर्ज हुए मामले में पूर्व सरपंच राजीव उर्फ काला के अलावा उसके बड़े भाई आशीष, एक अन्य सरपंच पद के उम्मीदवार देवेंद्र उर्फ काला सहित तीन अन्य को मामले में आरोपी बनाया गया। आपराधिक पृष्ठभूमि रखने वाले राजीव उर्फ काला और उसके भाई पर उक्त दोनों की हत्या के मामले की साजिश रचने का आरोप लगा था। इसी मामले में उनकी बुधवार को एएसजे हरबीर ¨सह दहिया की अदालत में पेशी थी। चूंकि राजीव उर्फ काला पहले से ही हत्या के एक मामले में उम्र कैद का दोषी करार दिया जा चुका है, के ट्रेक रिकॉर्ड और अन्य गैंगस्टर के साथ चल रही आपसी रंजिश के कारण ही अंबाला जेल में भेजा गया था। आज ही पेशी पर आए आशीष एवं देवेंद्र को दुलीना स्थित जिला कारागार से यहां लाया गया। बताते है कि जिस दौरान राजीव पर यह जानलेवा हमला हुआ उस समय उसका भाई आशीष घटनास्थल से कुछ दूरी पर खारजा में बंद था। सूत्रों का कहना है कि दोपहर तक उसे भी इस बात का पता नहीं चल पाया कि अदालत के बाहर चली गोली का शिकार उसका भाई बना है। या कुछ यूं कहा जाए कि दोनों भाईयों की अदालत में पेशी के दौरान हुई मुलाकात आखिरी मुलाकात रही।
खूब काम आई पुलिस की सतर्कता
पूर्व सरपंच राजीव उर्फ काला की हत्या से जुड़े इस मामले में जो अह्म बात देखने में आई वह यह रही पुलिस की सतर्कता। उल्लेखनीय है कि पुलिस पेशी पर आने वाले अपराधियों की मूवमेंट पर खास ध्यान रखती है। चूंकि अदालत में पेशी के दौरान जहां उनसे मुलाकात करने वालों पर खास ध्यान दिया जाता है। वहीं ऐसे गैंगस्टर की मौजूदगी को देखते हुए अतिरिक्त सतर्कता भी बरती जाती है। चूंकि पूर्व सरपंच का नाम हत्या के करीब 10 मामलों में सामने आ चुका है। गांव के ही दो युवकों की हत्या के मामले में उसे उम्रकैद भी हो रखी थी। गांव के सरपंच एवं उसके पिता की हत्या की साजिश रखने का आरोप भी उस पर लगा हुआ था। इसके अतिरिक्त मांडौठी के गैंगस्टर करतार से भी उसकी वर्चस्व की लड़ाई चली आ रही है। इन्हीं सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सीआइए बहादुरगढ़ की टीम उसकी पेशी के मद्देनजर विशेष तौर पर आई थी। अदालत परिसर के बाहर पहले से तैनात खड़ी सीआइए की टीम ने पूर्व सरपंच पर हुए हमले के बाद त्वरित जवाबी कार्रवाई की। यहां पर दोनों के बीच में क्रॉस फायर भी हुआ। जिसमें से एक गोली तो सीआइए स्टॉफ कर्मी के पैरों के पास छूकर निकल गई। मामले में दिलेरी दिखाते हुए टीम में शामिल रहे स्टॉफ ने दोनों हथियारों सहित काबू कर लिया। जिन्हें बाद में झज्जर स्थित सीआइए में ले जाया गया। जहां उनसे पूछताछ की जा रही है।
खूब मची अफरा-तफरी : घटनास्थल जो कि लघु सचिवालय का बाहरी हिस्सा है। अदालत परिसर और आफिसर कॉलोनी से कुछ ही कदमों की दूरी है। रोजमर्रा के दिनों मौके पर दिन भर लोगों की खूब आवाजाहीं रहती है। अक्सर अदालत में पेशी पर आने वाले कैदियों की वैन और स्टॉफ भी इसी क्षेत्र में आकर रूकता है। अन्य दिनों की तर्ज पर ही यहां पर खूब हलचल थी। दोपहर करीब साढ़े 12 जब यहां गोली चलने की आवाज आइ्र तो अफरा-तफरी का माहौल बन गया। जो जहां था वहीं दुबक गया या उसने सुरक्षित स्थान ले लिया। उधर, मौके पर मौजूद रहा पुलिस का स्टॉफ भी एकाएक सतर्क हो गया। इधर, बदमाशों द्वारा हमला किए जाने के बाद जब सीआइए बहादुरगढ़ की टीम ने दिलेरी दिखाते हुए जब वापसी की कार्रवाई की तो उस दौरान भी लोगों को यह समझ नहीं आया कि क्या हो रहा है। चूंकि सीआइए की टीम का प्राय: स्टॉफ भी सिविल वर्दी में रहता है। लेकिन जब दोनेां बदमाशों को काबू कर लिया गया तो वहां पर मौजूद लोग इस बात का जिक्र करते हुए भी दिखें कि ऐसा पहली दफा देखने में आया है कि इतनी बड़ी वारदात के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बदमाशों को मौके से ही काबू कर लिया।
करीब साढ़े 11 बजे आया था पूर्व सरपंच
दोहरे हत्याकांड के मामले में पेशी पर आए पूर्व सरपंच को अंबाला से लेकर आई गार्द करीब साढ़े 11 बजे झज्जर पहुंची थी। जिसमें मुख्य रूप से एएसआइ रामचंद्र, ईएचसी रामेश्वर, रूपचंद, चालक हरिकिशन व एक अन्य पुलिस कर्मी शामिल रहा। गार्द में शामिल रहा स्टॉफ उसे गाड़ी से उतारने के बाद अदालत में पेशी पर ले गया। जबकि चालक गाड़ी में ही बैठा रहा। करीब साढ़े 12 बजे जब टीम उसे पेशी के बाद से वापिस गाड़ी तक लेकर आ रही थी। ठीक उसी दौरान उस पर पीछे से हमला बोला गया। गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हुआ पूर्व सरपंच वहीं जमीन पर गिर गया।
इधर, अदालत परिसर के बाहर गोली चलने की आवाज सुनने के बाद हरकत में आई सीआइए बहादुरगढ़ प्रभारी निरीक्षक सोनू मलिक की टीम ने मोर्चा संभाल लिया। टीम में शामिल एसआई देवेंद्र, एएसआइ पुनित कुमार, सिपाही संदीप कुमार सहित अन्य ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को काबू किया। बताते है कि दोनों के बीच में तीन-चार राउंड फायर भी हुए है। आरोपियों को काबू करने में डीआई सतपाल ¨सह एवं टीम ने भी उनका खूब साथ दिया। बदमाशों के कब्जे से पुलिस को दो पिस्टल भी बरामद हुए है। जिनमें ¨जदा कारतूस भी थे।
गैंगस्टर राजीव उर्फ काला के ट्रेक रिकॉर्ड को देखें तो उसकी मांडौठी के करतार गैंग के साथ वर्चस्व की लड़ाई चली आ रही थी। वर्चस्व की इस लड़ाई के अलावा भी उसका नाम हत्या के कई मामलों में सामने आ चुका है। हालांकि मौके से पकड़े गए दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। यह भी जिक्र आया है कि दोनों आरोपी घटनास्थल पर पैदल ही आए थे। पुलिस अब इस बात को जानने के प्रयास में है कि वह किस गाड़ी में आए थे और कितने लोग उनके साथ थे। हालांकि सूचना दिन में यह भी रही कि पुलिस ने गाड़ी को भी काबू किया है। लेकिन उसका अभी ऑन रिकॉर्ड कोई जिक्र नहीं आया।
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