भक्ति से वशीभूत भक्त ही करते हैं भगवान के मन में वास
जागरण संवाददाता, झज्जर : भक्ति से वशीभूत भक्त ही भगवान के हृदय में वास करते हैं। भगवान केवल मात्र
जागरण संवाददाता, झज्जर :
भक्ति से वशीभूत भक्त ही भगवान के हृदय में वास करते हैं। भगवान केवल मात्र भक्तों के प्रेम और भक्ति के नाते को ही मानते हैं। नवदुर्गा मंदिर बूढ़ा महादेव मंदिर में जारी श्रीराम चरितमानस कथा के आठवें दिन शबरी प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए कथाव्यास युवराज शर्मा ने भगवान की भक्ति के विभिन्न प्रकारों पर चर्चा की।
कथाव्यास ने नवधा भक्ति के नौ रुप बताते हुए कहा कि इन नौ भक्तियों में सत्संग सुनना और सत्संग करना क्रमश: पहली और दूसरी भक्ति हैं। उन्होंगे बताया कि गुरु पूजा को श्रीराम चरितमानस में भक्ति का तीसरा रूप बताया गया है। वहीं मानव का अपने जीवन में अभिमान रहित होना भगवान की भक्ति का चौथा रुप बताया गया है। मानव जीवन में मंत्र जाप करते हुए कपट का त्याग करना भक्ति का पांचवां रुप है वहीं निष्काम भाव से किये गये सत्कर्म को भगवान की भक्ति का छठा रुप बताया गया है। कथाव्यास ने बताया कि सदैव मन में भगवत भाव रखना भक्ति का सातवां रुप है वहीं अपने कर्मवश जीवन में होने वाली लाभ व हानि से संतुष्ट रहना भक्ति
का आठवां रुप है। कथाव्यास ने शबरी द्वारा भगवान राम की भक्ति को नौवां रुप बताते हुए कहा कि अपने जीवन को प्रभु चरणों में समर्पित कर देना ही भक्ति का नवम रुप है।
मंदिर बूढा महादेव में महाशिवरात्रि के अवसर पर बीती 24 फरवरी से आरंभ हुई श्रीराम चरित मानस कथा का आज शाम समापन हो जाएगा। कथा के समापन के बाद रविवार को मंदिर में पूर्णाहूति यज्ञ होगा व महिलाओं को कलश वितरण करने के बाद विशाल भंडारा होगा। शुक्रवार को हुई कथा में देसराज गिरधर ने अपने मधुर भजनों के साथ श्रीराम कथा को संगीतमयी रुप देते हुएकथा में उपस्थित भक्तों को झूमने पर मजबूर किया। इस मौके पर कथा संयोजक एडवोकेट माणिकचंद गुप्ता, डाक्टर सुभाष वर्मा, सतीश बंसल, एडवोकेट मोहित गुप्ता, अनिल भारद्वाज, महेश गुप्ता, पंडित शिवऔम भारद्वाज, प्यारेलाल, गौरव गुप्ता, लाला कन्हैयालाल गर्ग, र¨वद्र राय, राजू, नपा प्रधान कविता नंदवाणी, मैनेजर रोशनलाल, लाला प्रकाश गर्ग व अनिल गर्ग उपस्थित रहे।
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