स्वर्ण मृग पकड़ने गए राम, रावण ने किया सीता का हरण
जागरण संवाददाता, झज्जर : राम वनवास के दौरान जब मारीच रूपी स्वर्ण मृग को सीता ने अपनी कुटिया के पास
जागरण संवाददाता, झज्जर :
राम वनवास के दौरान जब मारीच रूपी स्वर्ण मृग को सीता ने अपनी कुटिया के पास घूमते देखा तो मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम से उसे पकड़ कर लाने की मांग रखी। सीता की मांग को पूरा करने के लिए श्रीराम भी धनुष बाण लेकर मृग के पीछे उसे पकड़ने के लिए जंगल में निकल लिये। जब राम की आवाज में लक्ष्मण को पुकारा तो सीता ने लक्ष्मण को भी राम के पीछे भेज दिया। लेकिन इससे पहले लक्ष्मण ने भी सीता माता की रक्षा के लिए लक्ष्मण रेखा खींच दी और कहा उनके वापस आने तक वे इस रेखा को पार न करें। भगवान राम की लीलाओं के आयोजन के दौरान प्राचीन रामलीला कमेटी की तरफ से आयोजित की जा रही दिन की रामलीला के दौरान शुक्रवार को खर दुषण वध व राम के स्वर्ण मृग के पीछे जाने का मंचन किया गया। श्रीराम के स्वर्ण मृग के पीछे जाने से पूर्व राक्षस खर दुषण व राम की बीच लड़ाई हुई और खरदुषण वध का मंचन हुआ। प्राचीन रामलीला कमेटी की तरफ से भगवान राम की लीलाओं का मंचन करने के लिए उत्तर प्रदेश के मथुरा से कलाकार बुलाए गए हैं। शहर के रामलीला मैदान में पिछले करीब 250 वर्षो से दिन की रामलीला का आयोजन निरंतर रूप से किया जा रहा है। सीता हरण से पूर्व रावण व सीता संवाद का भी मंचन किया गया।
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