मुन्ना पंडित को ले बैठा 53 लाख रुपये का लालच
अमित पोपली, झज्जर बैंक की सजगता के चलते 53 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने का एक मामला सामने आया है। मा
अमित पोपली, झज्जर
बैंक की सजगता के चलते 53 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने का एक मामला सामने आया है। मामले के सूत्रधार ने बड़े ही करीने ही एक योजना बनाई और वह उसे अमल करने के नजदीक पहुंच ही गया था। लेकिन उसकी एक चूक बैंक की पकड़ में आ गई और वही उस पर भारी पड़ गई। बैंक की ओर से मामला पुलिस के संज्ञान में लाया गया तो इसमें त्वरित जांच हुई। जिसका असर यह रहा कि सूत्रधार सहित दो अन्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है।
आखिर क्या है मामला : शहर के दीवान गेट क्षेत्र में रहने वाले सुरेंद्र हरित उर्फ मुन्ना पंडित पिछले दिनों किसी काम के चलते रोहतक स्थित एलएओ के कार्यालय में गए थे। वहां उन्हें यह मालूम चला कि झज्जर से संबंधित रामेश्वर दयाल नाम के एक व्यक्ति का करीब 53 लाख रुपये का चैक मुआवजे के नाम का आया हुआ था। स्थानीय कार्यालय के स्टॉफ ने जब उनसे रामेश्वर दयाल के बारे में पूछा तो उन्होंने उस दौरान अनभिज्ञता जाहिर कर दी। लेकिन वह बात उसके ध्यान में बैठ गई।
आरोप है कि सुरेंद्र हरित उर्फ मुन्ना पंडित ने अपने एक नजदीकी रिश्तेदार सतबीर उर्फ रामेश्वर दयाल को योजना में शामिल कर लिया। उसने पहले तो रामेश्वर दयाल के नाम के दस्तावेजों को तैयार करते हुए एलएओ कार्यालय से चैक को हासिल किया। उसके बाद जिला मुख्यालय स्थित विजय बैंक की शाखा में एक ज्वाइंट खाता खोल लिया। फिर उन्होंने इस चैक को इस खाते में डाल दिया। चैक को भुनवाने के लिए जब उन्होंने बैंक से संपर्क किया तो बैंक ने सीधे तौर पर इतनी बड़ी राशि को नगद देने से मना कर दिया और रामेश्वर दयाल के नाम पर एक डीडी बना दिया।
विजय बैंक में काम नहीं बनने की सूरत में उसने रामेश्वर दयाल के नाम पर पीएनबी की शाखा में खाता खोलते हुए डीडी को वहां डाल दिया। ताकि पीएनबी से नगदी निकाली जा सके।
विजय बैंक के प्रबंधक ने दी सूचना : इतनी बड़ी राशि को डाले जाने और रुपये निकलवाने के लिए डीडी बनवाने का पहलू विजय बैंक के प्रबंधन को खटक गया। चूंकि राशि विजय बैंक की ओर से पीएनबी के खाते में डाली जा चुकी थी। लेकिन मामला प्रबंधन को पच नहीं रहा था। ऐसी स्थिति में सजगता बरतते हुए विजय बैंक की ओर से पीएनबी को यह सूचना दी गई कि अगर रामेश्वर दयाल के नाम से कोई नगद लेन देन करता है तो उसकी आइडी को अच्छी तरह से चैक किया जाए। यही पहलू इन्हें ले बैठा। जब रामेश्वर दयाल के नाम से यह लोग पीएनबी में कैश निकलवाने के लिए गए तो उस दौरान सीट पर मौजूद कर्मी ने उनसे उसकी दो आइडी मांगी जिसे वह मौके पर पेश नहीं कर पाए और यहीं से बैंक का शक भी यकीन में बदल गया। जिस पर पीएनबी के एलडीएम की ओर से घटनाक्रम की सूचना पुलिस को दे दी गई।
सुरेंद्र के चालक ने दी थी पीएनबी में गवाही : धोखाधड़ी के इस मामले में पीएनबी में जो खाता खोला गया उसमें सुरेंद्र के चालक हेमंत शर्मा निवासी दिल्ली गेट ने अपनी ओर से गवाही दी थी। पुलिस के मामला संज्ञान में आया तो कड़ी दर कड़ी जुड़ने लगी। पुलिस की ओर से की गई जांच रंग लाई और पूरे मामले का पटाक्षेप हो गया।
खाता हुआ सीज एलएओ कार्यालय को दी सूचना :
धोखाधड़ी के इस मामले की नींव अगस्त के माह में शुरु हुई थी और उसी माह में पीएनबी की शाखा में खाता खोला गया था। डीडी की राशि बैंक में आ जाने के बाद जब बैंक को शक हुआ तो उन्होंने अपने स्तर पर भी इसकी जांच की। इस दौरान एलएओ कार्यालय से भी संपर्क साधा गया। अगस्त माह से सितंबर आ जाने के बीच में बैंक की ओर से मामला पुलिस के संज्ञान में लाया। ऐसे में भी पुलिस ने हर पहलू को पुख्ता स्तर पर खंगाला और कड़ी दर कड़ी जोड़ते हुए इसकी जांच को आगे बढ़ाया। अंतत: मामला सुलझ ही गया।
पार्षद पति है सुरेंद्र हरित उर्फ मुन्ना : मामले का सूत्रधार बनकर जो सामने आया है वह नगर के वार्ड नंबर 6 की निवर्तमान पार्षद उर्मिला देवी के पति है। मुन्ना पंडित जिला कांग्रेस के भी पदाधिकारी रहे है। इसके अलावा वह अन्य कई सामाजिक संगठनों से जुड़े हुए तथा उनके मुख्य पदाधिकारी भी है।
प्रतिक्रिया : डीएसपी धीरज कुमार का कहना है कि बैंक की सजगता के चलते इतनी बड़ी धोखाधड़ी सामने आ पाई है। आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है और जांच अमल में लाई जा रही है। इसमें अगर कोई और दोषी भी मिलता है तो उसे किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
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