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    हिसार में पाबड़ा के ग्रामीणों ने बिजली कट को लेकर सरसौद फीडर पर जड़ा ताला, कर्मचारियों को निकाला बाहर

    By Manoj KumarEdited By:
    Updated: Thu, 26 Aug 2021 11:48 AM (IST)

    पाबड़ा गांव के ग्रामीणों ने देर रात सरसोद पावर हाउस के कर्मचारियों को कार्यालय से बाहर निकाल कर कार्यालय को बंद कर दिया । 2 घंटे तक सरसोद पावर हाउस बंद होने के बाद अधिकारियों के फोन बजने शुरू हो गए।

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    पाबड़ा गांव के ग्रामीणों ने कहा कि 24 घंटें बिजली देने की बात कही गई थी मगर ऐसा नहीं हुआ

    जागरण संवाददाता, हिसार। बिजली आपूर्ति की समस्या से परेशान पाबड़ा गांव के ग्रामीणों ने देर रात सरसोद पावर हाउस के कर्मचारियों को कार्यालय से बाहर निकाल कर कार्यालय को बंद कर दिया । 2 घंटे तक सरसोद पावर हाउस बंद होने के बाद अधिकारियों के फोन बजने शुरू हो गए। उसके बाद बरवाला थाना पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को आश्वासन देकर वापस सप्लाई शुरू करवाई। पाबड़ा गांव के ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले 1 साल से भी ज्यादा समय से गांव में बिजली आपूर्ति की समस्या बनी हुई है जिसको लेकर कई बार अधिकारियों से मिल चुके हैं लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा है।

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    बीती 2 अगस्त को सैकड़ों ग्रामीण इकट्ठे होकर एसई कार्यालय में अधिकारियों से मिलने गए थे तब एसडीओ स्तर के अधिकारी ने 15 दिन में समाधान करने का आश्वासन दिया था। लेकिन अब 23 दिन बीत जाने के बाद भी कोई समाधान नहीं हुआ। गौरतलब है कि बीते साल खुद बिजली मंत्री रणजीत सिंह खुद गांव में आकर घोषणा करके गए थे कि गांव को जगमग योजना शामिल कर लिया गया है। अगले एक महीने बाद गांव में बिजली की समस्या नहीं रहेगी गांव को योजना के तहत 24 घंटे सप्लाई मिलेगी। बिजली मंत्री की इस घोषणा के बाद नई लाइन के लिए अक्टूबर 2020 में वर्क आर्डर जारी हुए लेकिन आज तक भी नई लाइन पर तार भी नहीं डल पाए है।

    पाबड़ा फीडर में लोड बहुत अधिक

    सरसोद बिजली घर के शिफ्ट अटेंडेंट जगमीत सिंह ने बताया कि पाबड़ा में लाइट आपूर्ति की सबसे बड़ी समस्या है कि पाबड़ा फीडर पर लोड बहुत ज्यादा है जिस वजह से सरसोद सब डिविजनल पावर हाउस सप्लाई देने में असमर्थ है। पाबड़ा फीडर पर लोड 270 से ज्यादा रहता है जबकि मशीन की कैपिसिटी 270 तक है इससे ज्यादा होने पर मशीन ब्लास्ट होने का खतरा है।

    क्या कहते हैं ग्रामीण

    ग्रामीण मिड्डा सिंहमार, सोनू रत्न, प्रदीप ने बताया कि गांव के पूर्व सरपंच सुरेंद्र के घर बिजली मंत्री आये थे जिससे इस मामले में राजनीति शुरू हो गयी। पूर्व सरपंच द्वारा राजनीतिक लाभ के कारण गांव में लाइट की समस्या का समाधान नहीं होने दिया जा रहा है। बिजली मंत्री के नजदीकी पूर्व सरपंच को गांव के साथ मिलकर के समाधान करवाना चाहिए।