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    जानलेवा हो सकता है गैस गीजर का प्रयोग, भूलकर न करें ये गलती, हादसे होने का क्‍या है कारण

    By Pradeep DuhanEdited By: Manoj Kumar
    Updated: Mon, 21 Nov 2022 10:46 AM (IST)

    बंद बाथरूम में नहाने के लिए गर्म पानी के इस्तेमाल हेतु जब इन गैस गीजर का प्रयोग करते हैं तो इन गैस गीजर के बर्नर्स से पैदा हो रही आग के कारण आक्सीजन की खपत अधिक होती है तथा कार्बन डाइआक्साइड की मात्रा भी बढ़ जाती हैं।

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    गैस गीजर का प्रयोग अगर सावधानी से नहीं किया जाए तो बहुत नुकसान हो सकता है

    संवाद सहयोगी,हांसी: सर्दी की आहट के साथ गर्म पानी से नहाने का सिलसिला शुरू हो गया है। बाजार में पानी गर्म करने वाली राड व गैस गीजर की मांग बढ़ गई है।हल्की ठंड के साथ ही जल्द से जल्द गर्म पानी करने के लिए गैस गीजर का प्रयोग भी बढ़ गया है। परंतु गैस का प्रयोग न केवल शरीर के लिए घातक हो सकता है। बल्कि यह जानलेवा भी हो सकता है।

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    ऐसे में गैस गीजर के प्रयोग के समय सावधानी बरतने की भी आवश्यकता है। ध्यान रहे कि बंद बाथरूम में नहाने के लिए गर्म पानी के इस्तेमाल हेतु जब इन गैस गीजर का प्रयोग करते हैं तो इन गैस गीजर के बर्नर्स से पैदा हो रही आग के कारण आक्सीजन की खपत अधिक होती है तथा कार्बन डाइआक्साइड की मात्रा भी बढ़ जाती हैं।

    तंग जगह वाले बाथरूम जिनमें ताजी हवा आने जाने के प्रबंध में हो तो वहां जहरीली गैस कार्बन मोनोआक्साइड एक रंगहीन तथा गंधहीन गैस होने के साथ बेहद जहरीली गैस है, जो इंसान के लिए घुटन यहां तक की मौत का कारण भी बन सकती है। यह जहरीली गैस खून के अंदर ऑक्सीजन को पहुंचाने में क्षमता को घटाती है और शरीर के अंदर विभिन्न अंग आक्सीजन की कमी के कारण प्रभावित होते हैं।

    दिल तथा दिमाग को जरूरत के अनुसार आक्सीजन नहीं मिलने के कारण व्यक्ति गहरी बेहोशी में चला जाता है। अगर घबराहट होना, ब्लड प्रेशर कम होना, सांस उखड़ना व उल्टी आदि लक्षण पैदा होते हैं और व्यक्ति बेहोश होकर गिर पड़ता है व सांस प्रणाली बंद होने से मौत भी हो सकती है। परंतु सुविधा के लिए लोग ऐसे संसाधन लगा लेते हैं, लेकिन उसके बारे में पूरी जानकारी लेना जरूरी नहीं समझते। यह पता होना चाहिए कि इससे निकलने वाली गैस मीठे जहर की तरह होती है।

    इसे प्रयोग करते समय कई बार पता नहीं चल पाता कि वह धीरे-धीरे होश खो रहा है। इससे होने वाले खतरे में सबसे ज्यादा ब्रेन की बीमारियां शामिल है। वहीं दूसरी ओर जुगाड़ राड- कम लागत-मौसम में आए बदलाव के बाद पानी गर्म करने के लिए गैस गीजर व राड का प्रयोग आसपास के क्षेत्रों में किया जा रहा है। गैस की जरूरत के कारण अनेक हादसे भी घटित हो चुके हैं।

    क्षेत्र में विभिन्न दुकानों पर बिक रही पानी की टंकी में लगी राड किसी कंपनी या आइएसआइ से प्रमाणित नहीं है। इसके बावजूद बाजार में सरेआम बिक रही है। इसके निर्माता कम कीमत लगाकर मुनाफा कमा रहे हैं। प्रशासन भी इनके खिलाफ कोई ठोस कदम उठाता नजर नहीं आ रहा है। अगर समय रहते प्रशासन इस तरह से बिक रहे उत्पाद पर शिकंजा नहीं कसा तो कोई बड़ा हादसा होते देर नहीं लगेगी।

    डाक्टर संजय वर्मा ने बताया कि ऐसे बाथरूम, जहां वेंटीलेशन की अच्छी व्यवस्था नहीं हो और गैस गीजर से पानी गर्म किया जाता हो, वहां ऐसी दिक्कत होने की आशंका ज्यादा रहती है। पानी गर्म करने के दौरान निकलने वाली कार्बन मोनो-आक्साइड दम घोट सकती है। वहीं अधिक प्रयोग हेड इंजरी, लंग्स में पानी भरने की आशंका, ब्रेन हेमरेज, ब्रेन पैरालाइज जैसी बीमारियों का भय बना रहता है।

    यह बरतें सावधानियां

    चिकित्सकों की मानें तो गैस गीजर बाथरूम में नहीं बल्कि ओपन स्पेस में होना चाहिए। जगह नहीं होने पर बाथरूम में एग्जास्ट फैन होना जरूरी है। डोर ओपन होना चाहिए ताकि गैस का घनत्व कम रहें। बाथरूम में नहाने गए पारिवारिक सदस्य के प्रति सचेत रहना चाहिए।

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