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    देसी गाय के गोबर से तैयार ईंटों से बनाएंगे दो मंजिला भवन, 20 हजार ईंटे बनाने का काम शुरू

    By Manoj KumarEdited By:
    Updated: Fri, 06 Nov 2020 05:20 PM (IST)

    कुछ माह पहले ही ईंट बनाने का कार्य शुरू किया था। ईंटों का सफल परीक्षण रहा। अब गाय के गोबर से एक लाख ईंट पाथने का कार्य शुरू कर दिया है। बीकानेर स्थित प्लांट में अभी तक करीब 20 हजार ईंट पाथने का कार्य शुरू कर दिया है।

    गाय के गोबर का प्रयोग कर बनाए मकान में अध्‍यात्‍म, स्‍वास्‍थ्‍य और संक्रमण सबंधी सभी दृष्टि से सही रहता है।

    रोहतक, जेएनएन। रोहतक के डा. शिव दर्शन मलिक देसी गाय के गोबर से तैयार ईंटों से दो मंजिला भवन बनाने की तैयारी में जुट गए हैं। कुछ माह पहले ही ईंट बनाने का कार्य शुरू किया था। ईंटों का सफल परीक्षण रहा। अब गाय के गोबर से एक लाख ईंट पाथने का कार्य शुरू कर दिया है। बीकानेर स्थित प्लांट में अभी तक करीब 20 हजार ईंट पाथने का कार्य शुरू कर दिया है। इन्हीं ईंटों से ट्रायल के तौर पर छोटे कमरे बनाने का कार्य आखिरी चरण में है। यह कार्य सफल होते ही कुछ माह बाद दो मंजिला भवन बीकानेर में ही बनाएंगे।

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    भरत कालोनी निवासी डा. शिव मूल रूप से मदीना गांव के रहने वाले हैं। डा. शिव का कहना है कि गाय के गोबर का प्रयोग कर बनाए गए मकान में अध्‍यात्‍म, स्‍वास्‍थ्‍य और संक्रमण सबंधी सभी दृष्टि से सही रहता है। रोहतक में 12 गुणा 13 फीट साइज का आवास बना रहे हैं, इसका 90 फीसद कार्य पूरा हो चुका है। बीकानेर में भी 10 गुणा 10 फीट साइज का दो मंजिला भवन निर्मित कर रहे हैं। इन छोटे कमरे बनाने का मकसद है कि सर्दी, बरसात, तूफान, भीषण गर्मी झेलने की क्षमता पता करना। गर्मी और बरसात का पानी इन भवनों के ऊपर से निकल चुका है।

    डा. शिव कहते हैं कि गाय के देसी गोबर से तैयार ईंट बनाने का कार्य अगले ढाई-तीन माह में पूरा हो जाएगा। इधर जो छोटे भवन बनाए गए हैं उनके परीक्षण को लेकर भी संतुष्टि हो जाएगी। इसके बाद बीकानेर में पशुओं के रहने के लिए बाड़ा, कार्यालय, प्रशिक्षण केंद्र व दूसरे निर्माण कार्य गोबर से तैयार किए जाएंगे। यह निर्माण कार्य करीब एक एकड़ में होगा।

    अब दीपक बनाने का कार्य किया स्थगित

    डा. शिव ने अगस्त में दीपावली पर देसी गाय के गोबर से दीपक बनाने की तैयारी की थी। हालांकि अब इस फैसले को वापस ले लिया है। इनका कहना है कि कोरोना संक्रमण के चलते प्रशिक्षण में कम लोग पहुंच रहे हैं। इधर, ईंट तैयार करना भी चुनौती बना हुआ है। दीपक बनाने के लिए नियमित तौर से लोगों की जरूरत पड़ेगी और समय भी चाहिए। मगर समय और लोगों की कमी के चलते दीपक बनाने में असुविधा हो रही है। हां, त्योहार पर अपने उपयोग के लिए ही दीपक तैयार करेंगे। अब सिर्फ अगले कुछ माह तक अंदर ईंट बनाने पर ही जोर रहेगा।

    42 लोगों को दिया प्रशिक्षण

    डा. शिव ने बीकानेर में प्रशिक्षण केंद्र खोल दिया है। वहां लगातार दूसरे राज्यों के लोग जुड़ रहे हैं। हाल ही में 42 लोगों को प्रशिक्षण दिया। हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और पंजाब तक के लोग प्रशिक्षण पाने पहुंच रहे हैं। इन्होंने कहा कि देसी गाय से गोबर से लोगों को आत्म निर्भर बनाने का सपना है।