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    Tokyo Paralympics: खीर के शौकीन झज्‍जर के रामपाल देश को मेडल दिलाने के लिए लगाएंगे ऊंची छलांग

    By Manoj KumarEdited By:
    Updated: Thu, 26 Aug 2021 12:30 PM (IST)

    झज्‍जर के माछरौली गांव निवासी पैरालिंपियन खिलाड़ी रामपाल अब देश को मेडल दिलाने के लिए 29 अगस्त को ऊंची छलांग लगाएंगे। इसके लिए वे लगातार अभ्यास कर रहे हैं और खूब पसीना भी बहा रहे हैं। देशवासियों को भी उनसे मेडल की उम्मीद है।

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    माछरोली के रामपाल 5-6 घंटे प्रतिदिन बहाते थे पसीना, अब टोक्यो में दिखाएंगे दमखम

    गोपाल कृष्ण, माछरोली : खोवा खीर (छन्नाखीर) के शौकीन पैरालिंपियन खिलाड़ी रामपाल अब देश को मेडल दिलाने के लिए 29 अगस्त को ऊंची छलांग लगाएंगे। इसके लिए वे लगातार अभ्यास कर रहे हैं और खूब पसीना भी बहा रहे हैं। देशवासियों को भी उनसे मेडल की उम्मीद है। पैरालिंपिक में चयनित गांव माछरोली निवासी रामपाल हाई जंप में अपने बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए प्रतिदिन 5-6 घंटे तक अभ्यास कर रहे हैं। रामपाल के मुताबिक वे हर रोज सुबह 2-3 घंटे व शाम को 2-3 घंटे अभ्यास करते थे। अब टोक्यों पहुंचने के बाद पहले उन्हें आइसोलेट रखा गया है। टोक्यो के लिए रवाना होने से परिवार वालों ने रामपाल से मिलकर उनका हौसला बढ़ाया था।

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    साथ ही मेडल जीतकर ही लौटने के लिए प्रेरित किया। टोक्यो पहुंचने के बाद भी परिवार वालों से बातचीत के दौरान वे पूरे जोश व हौंसले के साथ बेहतर प्रदर्शन की बात कहते हैं। ताकि देश के लिए मेडल जीता जा सके। पैरालिंपियन रामपाल बताते हैं कि उन्हें अपनी मां के हाथ की खोवा खीर (छन्नाखीर) सबसे अधिक पसंद है। फिलहाल, वे खेल विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। जब भी वे घर आते हैं, तो उनकी मां के हाथ की खोवा खीर खाते हैं।

    गांव माछरोली निवासी रामकेश बताते हैं कि उनके पिता खेतीबाड़ी करते हैं। जब उसका छोटा भाई रामपाल करीब 4 वर्ष के थे तो वे एक दिन घर पर ही खेल रहे थे। खेलते-खेलते रामपाल ने अपना हाथ गंडासे (चारा काटने की मशीन) में भूलवश डाल दिया। इसी दौरान अचानक बिजली आ गई। बिजली आने के कारण गंडासा चल पड़ा और रामपाल का हाथ कट गया। जब परिवार वालों को इसका पता लगा तो सभी ने रामपाल को संभाला और उपचार करवाया, लेकिन हाथ ठीक नहीं हो पाया। शुरूआत में परिवार की आर्थिक स्थिति भी अधिक मजबूत नहीं थी। इसलिए रामपाल कई परेशानियों से जूझते हुए आज इस मुकाम तक पहुंचे हैं।

    रामपाल करीब 7-8 साल पहले से खेल रहे थे। इस दौरान उनके अन्य साथियों ने रामपाल का हाई जंप देखकर दंग रह गए। उन्होंने रामपाल को हाई जंप को खेल के रुप में अभ्यास करने के लिए प्रेरित किया। जिसके बाद रामपाल ने लगातार अभ्यास किया और अब कई मेडल अपने नाम कर चुके हैं। रामपाल ने अभी तक 6 इंटरनेशनल गोल्ड मेडल, 2 सिल्वर व सात नेशनल गोल्ड मेडल जीतें हैं। वहीं 2016 में आयोजित रियो पैरालिंपिक में भी भाग लिया और छठे स्थान पर रहे। अब टोक्यो पैरालिंपिक में भाग ले रहे हैं। रामपाल का मुकाबला 29 अगस्त को होना है।