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सामूहिक दुष्कर्म मामला : पूछताछ की फेहरिस्त में बढ़ रहे हैं आंदोलनकारी नेताओं के नाम, तीन और को नोटिस

आंदोलन में बंगाल से आई 25 वर्षीय युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में पुलिस लगातार आंदोलनकारी नेताओं से पूछताछ कर रही है। रोजाना की पूछताछ में नए नाम सामने आ रहे हैं। पुलिस कार्रवाई करने से पहले पुख्‍ता सबूत जुटा रही है

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 18 May 2021 06:05 PM (IST)Updated: Tue, 18 May 2021 06:05 PM (IST)
सामूहिक दुष्कर्म मामला : पूछताछ की फेहरिस्त में बढ़ रहे हैं आंदोलनकारी नेताओं के नाम, तीन और को नोटिस
पश्‍चिम बंगाल की युतवी से सामूहिक दुष्‍कर्म मामले में पूछताछ का सिलसिला जारी है

बहादुरगढ़, जेएनएन। तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में बंगाल से आई 25 वर्षीय युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में पुलिस लगातार आंदोलनकारी नेताओं से पूछताछ कर रही है। रोजाना की पूछताछ में नए नाम सामने आ रहे हैं। सोमवार को तीन आंदोलनकारी नेताओं से पूछताछ के बाद इस मामले की जांच कर रही बहादुरगढ़ पुलिस की एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) ने तीन और नेताओं को नोटिस जारी करके मंगलवार को पूछताछ के लिए बुलाया।

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दरअसल, आंदोलन के बीच बहुत से लोगों को पीड़िता की आपबीती का पता था। मगर उसके जीवित रहते पुलिस तक मामला पहुंचा ही नहीं। मंगलवार को जिन तीन और किसान नेताओं से पूछताछ होनी है उनमें बहादुरगढ़ से न्यूनतम समर्थन मूल्य संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रदीप धनखड़ व पंजाब से अमरीक सिंह तथा एक अन्य शामिल हैं। पुलिस अभी तक इस मामले में दो आरोपितों समेत 12 लोगों से पूछताछ कर चुकी है। बताया जा रहा है कि पीड़िता के साथ घटी घटना के बारे में इन तीनों को भी अन्य आंदोलनकारियों के जरिये पता चल गया था।

जब पीड़िता को कोरोना के इलाज के लिए शहर के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, तब यह बात फैली थी। बाद में इस घटना में किसान सोशल आर्मी के चार नेताओं के अलावा दो महिला वॉलंटियर के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया था। पुलिस अब इस मामले में उन सभी से पूछताछ करने में जुटी है, जो इस घटना से वाकिफ थे और किस कारण से उन्होंने इस बारे में पुलिस-प्रशासन का सूचना नहीं दी। हालांकि कहा तो यह भी जा रहा है कि आंदोलन के बीच से ही कुछ नेताओं ने इस मामले को सरकार तक पहुंचा दिया था, लेकिन जब तक पुलिस के पास लिखित शिकायत नहीं पहुंची, तब तक कानून भी अपना काम नहीं कर सका।


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