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    शरीर में ये लक्षण हो सकते हैं एचआइवी पाजिटिव होने का संकेत, तुरंत कराएं जांच

    By Manoj KumarEdited By:
    Updated: Sun, 20 Feb 2022 08:11 AM (IST)

    शरीर में दिखने वाले कुछ लक्षण एचआइवी का संकेत हो सकते हैं। ऐसे में कोई शंका न रखें। लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं। ऐसा न हो कि जब तक वायरस का पता लगे तब तक देर हो चुकी हो। दरअसल एड्स ह्यूमन इम्युनो डेफिशियंसी वायरस (एचआइवी) से होता है।

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    जागरुकता के बावजूद हरियाणा में हर माह बढ़ रहे हैं एचआइवी के मामले

    जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : एचआइवी यानी एड्स की रफ्तार मंद पड़ने की बजाय तेज हो रही है। असावधानी में ही यह लाइलाज रोग जिंदगी को अपनी जकड़ में ले रहा है। शरीर में दिखने वाले कुछ लक्षण एचआइवी का संकेत हो सकते हैं। ऐसे में कोई शंका न रखें। लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं। ऐसा न हो कि जब तक वायरस का पता लगे, तब तक देर हो चुकी हो। दरअसल एड्स ह्यूमन इम्युनो डेफिशियंसी वायरस (एचआइवी) से होता है।

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    संक्रमण के बाद रक्त की जांच से पता चलता है कि यह वायरस शरीर में प्रवेश कर चुका है। एचआइवी पाजीटिव व्यक्ति शुरूआत के कुछ साल तक तो स्वस्थ दिखता है मगर वह दूसरों को बीमारी फैलाने में सक्षम होता है। यह वायरस रक्त में मौजूद कोशिकाओं व मस्तिष्क में मौजूद कोशिकाओं को प्रभावित करता है और धीरे-धीरे उन्हें नष्ट कर देता है। कुछ वर्षों बाद यह स्थिति होती है तो शरीर किसी भी रोग के कीटाणु से बचाव नहीं कर पाता और संक्रमण से पूरी तरह ग्रसित हो जाता है। इस अवस्था को ही एड्स कहते हैं। दिल्ली से सटे बहादुरगढ़ में यह रोग तेजी से फैल रहा है। हर साल इसके 50 से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं।

    साल 2021 में भी बहादुरगढ़ में 12 हजार 288 सैंपलों की जांच में से 60 पाजिटिव निकले। कुल में से पांच हजार 427 टेस्ट गर्भवती महिलाओं के हुए और इनमें से तीन पाजिटिव मिली। एक महिला का तो नवजात बच्चा भी एचआइवी पाजिटिव पाया गया। एचआइवी से जुड़े एआरटी सेंटर के इंचार्ज डा. विजय कहते हैं कि सावधानी जरूरी है। इसमें किसी तरह की लापरवाही न बरतें।

    एड्स की पहचान के प्रमुख लक्षण :

    1. छह महीने में शरीर का 10 प्रतिशत वजन कम हो जाना

    2. महीने भर से अधिक बुखार का रहना

    3. महीने भर से अधिक समय तक डायरिया बने रहना

    4. महीने से अधिक समय तक लगातार खांसी आना

    5. त्वचा में बार-बार खुजली होना

    6. मुंह और गले में छाले आना

    7. लसिका ग्रंथी में लंबे समय तक सूजन रहना

    8. किसी भी बीमारी का लंबे समय तक ठीक न होना या बार-बार संक्रमण होना