प्राण हमारे जीवन का आधार है- बडाला
जागरण संवाददाता, हिसार पतंजलि योग समिति हिसार द्वारा महावीर स्टेडियम में चलाए जा रहे पंद्र
जागरण संवाददाता, हिसार
पतंजलि योग समिति हिसार द्वारा महावीर स्टेडियम में चलाए जा रहे पंद्रह दिवसीय योग शिविर के पांचवे दिन आज योगाभ्यास करवाते हुए पतंजलि योग समिति के जिला प्रभारी वीरेन्द्र बडाला ने बताया कि प्राण ही हमारे जीवन का आधार है। हमारे शरीर में कुल दस प्राण होते हैं जिनमें पांच मुख प्राण तथा पांच उप प्राण होते हैं। मुख्य प्राण उदान, प्राण समान, अपान तथा व्यान एवं उपप्राण देवदत्त, नाग, कृकल, कूर्म तथा धनंजय होते है। ये सभी शरीर के अलग-अलग भागों में स्थित होते हैं तथा अलग-अलग अंगों व क्रियाओं को संचालित करते हैं। उदान नामक प्राण गले से ऊपर के अंगों मुंह, दांत, नाक, आंख, कान, माथा, मस्तिष्क आदि का संचालन करता है। प्राण नामक प्राण गले से लेकर हृदय तक के अंगों एवं स्वर तंत्र, श्वसन तंत्र, भोजन नली, श्वास नली, फेफड़े-हृदय आदि को स्वस्थ रखता है। अपान प्राण मल-मूत्र त्याग, प्रसव आदि क्रियाओं को संचालित करता है। पांच उपप्राण देवदत्त, नाग, कृकल, कूर्म तथा धनंजय क्रमश: छींक आना, पलक झपकना, जम्माई लेना, खुजली होना, हिचकी लेना आदि क्रियाओं को नियंत्रित व संचालित करते हैं।
इस अवसर पर फतेहाबाद महिला पतंजलि योगसमिति की प्रभारी मंजू देवी, हिसार महिला पतंजलि योग समिति की प्रभारी उर्मिल रूहिल, प्रवक्ता प्यारेलाल ¨सहमार, डॉ. सत्या सावंत आदि ने संपन्न करवाया तथा योग साधकों में अशोक कुमार, नरेन्द्र टेलर, अशोक पत्रकार, विनय मल्होत्रा, प्राचार्य अंबिका प्रसाद, एडवोकेट हरपाल, डा.राजकुमार ग्रोवर, रमेश ऋषिदेव, जीसी नारंग, विजेन्द्र सातरोड़, प्रवक्ता अशोक वशिष्ठ आदि सैंकड़ों योग साधक एवं साधिकाएं मौजूद थे।
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