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    रूट कनाल प्रक्रिया से बचाए जा रहे रहे दांत, पायरिया से बचाव के लिए मसूलों की मालिश जरूरी

    By Manoj KumarEdited By:
    Updated: Sun, 13 Feb 2022 02:35 PM (IST)

    चिकित्सक अब कोशिश करते है कि दांत न निकालने पड़ें। यह संभव हुआ है रूटकनाल प्रक्रिया के तहत। 15 साल पहले यह प्रक्रिया हाथों से की जाती थी। उस दौरान चिकित्सक दांत निकालने को ही प्राथमिकता देते थे। लेकिन अब ऐसा नही हैं।

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    दांतों के इलाज के लिए अब कई तरह की तकनीक आ गई हैं, जानें कैसे रख सकते हैं ख्‍याल

    जागरण संवाददाता, हिसार: सर्दियों में दांतों में ठंडा या गर्म की शिकायत, दांतों में दर्द या कीड़ा लगने की समस्या हो तो अब दांत निकालने को प्राथमिकता नहीं दी जाती। चिकित्सक अब कोशिश करते है कि दांत न निकालने पड़ें। यह संभव हुआ है रूटकनाल प्रक्रिया के तहत। 15 साल पहले यह प्रक्रिया हाथों से की जाती थी। उस दौरान चिकित्सक दांत निकालने को ही प्राथमिकता देते थे। लेकिन अब ऐसा नही हैं। अब दंत चिकित्सक दांतों में रूटकनाल की प्रक्रिया से दांतों का उपचार करते है। इसमें दांतों की नसों का इलाज किया जाता है। इसमें नसों को खाली करके आर्टीफिशियल मटीरियल डाला जाता है। दांत बचाने के लिए दांत की फिलिंग होती है।

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    पहले लोगों में इसको लेकर अधिक रुझान नहीं था। लेकिन अब रूटकनाल प्रक्रिया के लिए नई टेक्नोलाजी आ गई है। हिसार के नागरिक अस्‍पताल में कार्यरत डा. बंसीलाल ने कहा कि रोजाना ब्रश करें मगर बहुत धीरे-धीरे से करें, दातों पर दबाव न डालें। वहीं शहर के एक क्लीनिक की दंत चिकित्सक डा. रिंकू ने बताया की 15 साल पहले से तुलना करें तो अब रूटकनाल की प्रक्रिया काफी आसान हो गई है। पहले इसे हाथ से किया जाता था, वहीं अब एंडोमोटर मशीन से रूट कनाल करके दांतों को बचाया जाता है।

    पायरिया से बचाव के लिए मसूड़ों की मालिश भी जरुरी

    दांतों में पायरिया से बचाव के लिए लगातार दांतों की सफाई और मसूड़ों की मालिश करना भी जरुरी है। यदि कई दिनों तक दांतों की सफाई न की जाए तो तो दांतों में दर्द, बदबू आना और इसके बाद पायरिया जैसी समस्या देखने को मिलती है। पायरिया होना दांतो के लिए खतरनाक स्थिति होती है। इसमें मसूड़ों से बार-बार खून आने लगता है। चिकित्सक बताते है कि पायरिया जैसे लक्षण दिखे तो चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। खुद अपने स्तर पर कोई दवा न लें। कई बार देखने में आता है कि किसी लंबी बीमारी के बाद और अन्य कारणों से मुंह में बदबू आती है। शुगर अधिक रहने पर, किसी को कोई गंभीर बीमारी होने पर और एसिडिटी अधिक रहने के कारण भी मुंह से बदबू आती रहती है। कई बार सामान्य कारणों में दांतों में खाना फसने से, अदरक, प्याज, लहसून खाने से भी बदबू आती है। वहीं एक और कारण है जिसकी और कई बार लोग ध्यान नहीं देते। दरअसल दांतों की सफाई के साथ-साथ अपनी जीभ भी साफ करें, टंग क्लीनर से इसकी नियमित रुप से सफाई करें।

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