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सिरसा में सर्जन ने योग करके नियंत्रण में किए शुगर और ब्लड प्रेशर, 71 की उम्र में लगा रहे दौड़

डॉ. जीके कटारिया सर्जन हैं। वर्ष 2006 में बतौर एसएमओ रिटायर हुए थे। तब से प्राइवेट तौर पर प्रेक्टिस कर रहे हैं। ओपीडी शुरु होन से पूर्व सुबह 8 से 9 बजे तक योगासन तथा प्राणायाम करते हैं। शुगर और बीपी को कंट्रोल कर लिया है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 11:46 AM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 11:46 AM (IST)
सिरसा में सर्जन ने योग करके नियंत्रण में किए शुगर और ब्लड प्रेशर, 71 की उम्र में लगा रहे दौड़
रामदेव को देखकर प्रेरित हो सिरसा में एक दशक से प्रतिदिन योग कर रहे हैं सर्जन डॉ. जीके कटारिया

डबवाली [डीडी गोयल] योग एवं प्राणायाम रिटायर्ड एसएमओ (वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी) डॉ. गोपाल कृष्ण कटारिया की जिंदगी है। वे पिछले एक दशक से योग करते आ रहे हैं। सवाल उठता है कि वे योग से कैसे जुड़े? इसकी वजह है उनकी शुगर तथा उच्च रक्तचाप। करीब दस साल पहले शुगर हुई थी। लेवल था 510। दवा शुरु की तो शुगर नियंत्रित नहीं हुई। रक्तचाप बढऩे लगा। हालात यह हो गए कि उच्च रक्तचाप 190 तो निम्न रक्तचाप 110 रहने लगा। डबवाली के चौटाला रोड पर बतौर सर्जन प्रेक्टिस कर रहे कटारिया के सामने सवाल था कि क्या किया जाए? उन दिनों बाबा रामदेव टीवी पर योग सिखाया करते थे। उन्हें देखकर योग करना शुरु किया।

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योगासन के साथ-साथ कपालभाती, अनुलोम-विलोम सहित कई प्राणायाम करने शुरु किए। निरंतर योगासन करने से दोनों रोग नियंत्रण में आ गए। वर्तमान में बात करें तो खाली पेट उनकी शुगर 100 रहती है, जबकि खाना खाने के बाद 130 से 140। वहीं रक्तचाप नियंत्रित हुआ है। अब निम्न रक्तचाप 80 तो ऊपरी 125-130 रहता है। ऐसा नहीं कि जीके कटारिया ने दवा बंद कर दी हो। एलोपैथी और योगासन के सुमेल से पूर्व एसएमओ स्वस्थ जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं।

मैं तो दौड़ लगाता हूं

डॉ. जीके कटारिया की बात करें तो वे सर्जन हैं। वर्ष 2006 में बतौर एसएमओ रिटायर हुए थे। तब से प्राइवेट तौर पर प्रेक्टिस कर रहे हैं। ओपीडी शुरु होन से पूर्व सुबह 8 से 9 बजे तक योगासन तथा प्राणायाम करते हैं। शाम को सैर करना नहीं भूलते। कटारिया कहते हैं कि योग से मन को शांति तथा शारीरिक ताकत मिलती है। तभी तो इतनी उम्र में दौड़ सकता हूं। किसी तरह की परेशानी नहीं है। योग मेरे जीवन का अभिन्न अंग हैं।

सबको बताता हूं योग के फायदे

पूर्व एसएमओ के अनुसार मेरी जिंदगी योग के बिना अधूरी है। मैं सिर्फ अपनी बात करूंगा कि योग ने मेरा जीवन बदल दिया। मेरी डॉक्टर दोस्त या पारिवारिक सदस्य कई बार इस मसले पर चर्चा करते हैं, तो मैं अपना जीवन पेश कर देता हूं। अब कितने लोग इससे इंस्पायर हुए, यह तो नहीं बता सकता। मैं मानता हूं कि एलोपैथी और योग के संगम से असाध्य रोगों पर नियंत्रण पाया जा सकता है।


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