छह दिन से सुरेश चौधरी का फोन आ रहा स्विच आफ, विजिलेंस टीम लोकेशन ढूंढने के लिए लेगी साइबर सेल की मदद
केमिस्ट शाप का लाइसेंस जारी करने के मामले में 40 हजार की रिश्वत मामले में छापेमारी जारी। ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, हिसार:
केमिस्ट शाप का लाइसेंस जारी करने के मामले में 40 हजार की रिश्वत मांगने वाले ड्रग कंट्रोलर सुरेश चौधरी को ढूंढने के लिए सिरसा की विजिलेंस टीम ने साइबर सैल की मदद मांगी है, क्योंकि मामले के खुलासा होने के बाद छह अगस्त से ड्रग कंट्रोलर सुरेश चौधरी ने अपना मोबाइल स्विच आफ किया हुआ है। मंगलवार को भी हिसार और भिवानी के उसके आवास पर संभावित ठिकानों पर छापेमारी की गई थी, लेकिन वह वहां नहीं मिला था। वहीं सिविल अस्पताल स्थित ड्रग कंट्रोलर के कार्यालय से विजिलेंस टीम ने इस मामले में लाइसेंस जारी करने बारे में दस्तावेज और अन्य रिकार्ड जब्त किया है। वहीं विभागीय अधिकारियों की ओर से भी अपने उच्चाधिकारियों को मामले से जुड़ी रिपोर्ट भेजी है। जिसके चलते अगले एक दो दिन में सुरेश चौधरी को सस्पेंड किया जा सकता है।
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विजिलेंस टीम कार्यालय से संबंधित दस्तावेज करेंगी जब्त -
मामले में सिरसा की विजिलेंस टीम वीरवार को भी सिविल अस्पताल में ड्रग कंट्रोल अधिकारी के कार्यालय से लाइसेंस संबंधी अन्य कागजात भी जब्त करेगी। मामले में विजिलेंस टीम से अनिल ने बताया कि वे सुरेश चौधरी को ढूंढने में लगे हुए है। उसके आवास पर छापेमारी की गई थी, लेकिन वह वहां नहीं मिला था। उसका मोबाइल नंबर भी उसी दिन से बंद है जिस दिन से उसके चपरासी और ड्राइवर की गिरफ्तारी हुई है। ऐसे में उसकी ट्रेसिग नहीं हो पा रही है। इस मामले में अन्य आरोपित भी उनके रडार पर है, जिनकी जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी। अनिल ने बताया कि गिरफ्तार किए गए ड्राइवर और चपरासी ने यह बात पूछताछ में बताई थी कि वे कई केमिस्ट की दुकान के संचालकों से रुपये की कलेक्शन करने जाते थे। जो कलेक्शन वे करते थे वे ड्रग कंट्रोल अधिकारी को देते थे और उसमें से कुछ हिस्सा उन्हें भी मिलता था। वहीं मामले में आप पार्टी नेता राजीव सरदाना ने बताया कि उन्होंने इस मामले में रामबिलास के साथ मिलकर विजिलेंस टीम को मामले में शिकायत की है।
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ऐसे खुली थी पोल -
गौरतलब है कि गांव रामायण निवासी रामबिलास ने केमिस्ट की दुकान के लिए लाइसेंस जारी करने के लिए ड्रग कंट्रोलर सुरेश चौधरी से बात की थी। सुरेश चौधरी ने उससे एक लाख रुपये की मांग की थी, जिसके बाद 40 हजार रुपये में सौदा तय हुआ था। विजिलेंस टीम ने ड्रग कंट्रोलर के ड्राइवर और चपरासी को 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते काबू किया था। मामले में गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपितों ने रिश्वत मांगने की बात कबूल की थी और इसमें अपना भी हिस्सा होने की बात कहीं थी।
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सुरेश चौधरी के फरार होने से पेंडिग फाइलों की लाइन लगी -
ड्रग कंट्रोल अधिकारी सुरेश चौधरी के फरार होने के बाद सिविल अस्पताल स्थित उनके कार्यालय में पेंडिग फाइलों का अंबार लग गया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में काम प्रभावित नहीं होने देंगे, संभावना है कि जल्द ही किसी अन्य जिले से ड्रग कंट्रोल अधिकारी की नियुक्ति यहां की जा सकती है।
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वर्जन -
जिला ड्रग कंट्रोल अधिकारी सुरेश चौधरी पर लगे आरोप साबित होने पर उन पर सख्त विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। इस मामले में उन्हें सस्पेंड भी किया जा सकता है।
डा. राजीव रत्न, कमिश्नर, फूड एंड ड्रग विभाग हरियाणा।

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