जीजेयू में सुपर कंप्यूटर परम से जोड़े जाएंगे हरियाणा, पंजाब सहित उत्तरी राज्यों के वैज्ञानिक
परम सुपर कंप्यूटर का उपयोग करने वाला पहला विश्वविद्यालय बनेगा जीजेयू। जीजेयू ने विश्वविद्यालय में परम सुपर कंम्यूटर लाने की रूसा से मांगी स्वीकृति।
जेएनएन, हिसार : जीजेयू में आधुनिक जमाने के हाईटेक व तेज गति के सुपर कंम्यूटर लाने की तैयारी है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को रिसर्च में उच्चतम स्तर तक ले जाने के लिए यह फैसला किया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने देश में सबसे तेज सुपर कंप्यूटर परम उपलब्ध करवाने के लिए उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) को प्रस्ताव भेज स्वीकृति मांगी है। अगर रूसा से परम सुपर कंप्यूटर लाने के लिए जीजेयू को अनुमति मिल जाती है तो उत्तरी जोन में यह पहला परम सुपर कंप्यूटर होगा और उत्तर भारत में स्थित सभी राज्यों हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, जम्मू एंड कश्मीर राज्यों के शिक्षण संस्थानों के वैज्ञानिकों व विद्यार्थियों को भी इसका लाभ मिल सकेगा। दूसरे राज्यों के वैज्ञानिकों को इंटरनेट के माध्यम से सुपर कंप्यूटर से जोड़ा जा सकेगा। जिस रिसर्च को करने में पहले महीनों लगते थे, अब इस सुपरकंप्यूटर से काफी कम समय में पूरी करने में मदद मिलेगी। कंप्यूटर को सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग के तहत डेवलप किया गया है।
जीजेयू को रूसा से मिलनी है 50 करोड़ की राशि
बायो एंड नैनो विभाग में प्रोफेसर नीरज दिलबागी ने बताया कि जीजेयू को मानव संसाधन मंत्रालय व राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के अंतर्गत रिसर्च इनोवेशन व क्वालिटी इंप्रूवमेंट में कंपोनेंट-10 के तहत जीजेयू का चयन किया गया है। जिसके अंतर्गत 50 करोड़ की राशि मंजूर हुई है। इसमें से 15 करोड़ रुपये की राशि जीजेयू को भेजी जा चुकी है, जिसमें से 6 करोड़ रुपये की राशि से जीजेयू में इनोवेशन एंड इनक्यूबेसन सेंटर की बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है। वहीं 9 करोड़ रुपये की राशि इनोवेशन, रिसर्च, कोलोब्रोशन, समर इंटर्नशिप आदि पर खर्च की जाएगी।
कंपोनेंट -10 में 35 करोड़ रुपये की राशि रिसर्च के लिए मंजूर
जीजेयू को कंपोनेंट-10 के अंतर्गत 35 करोड़ रुपये की राशि मंजूर हुई है, जिसमें से 15 करोड़ 69 लाख रुपये की राशि सेंट्रल फेसिलिटी इक्वीपमेंट की स्वीकृति के लिए मांगी गई है। जीजेयू ने 40 टीचर्स के रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए 19 करोड़ 31 लाख की राशि जारी करने की भी अनुमति मांगी है।
जीजेयू को होगा यह लाभ
- जीजेयू के रिसर्च एच इंडेक्स में इजाफा होगा।
- नए रिसर्च प्रोजेक्ट पूरे होने पर पेटेंट करवा कर एंटरप्रेन्योर बन सकेंगे।
- उच्चतम स्तर की रिसर्च पब्लिश हो सकेगी।
- विद्यार्थियों की रिसर्च स्किल्स का विकास होगा।
- सिंचाई योजनाओं, यातायात प्रबंधन, स्वास्थ्य आदि पर भी काम किया जा सकेगा।
उत्तरी रिजन में सुपर कंप्यूटर परम उपलब्ध करवाने की कोशिश कर रहे हैं। इस रिजन में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, चंडीगढ़ तक के वैज्ञानिक जो सुपर कंप्यूटर का प्रयोग करना चाहते हैं, उन्हें इंटरनेट से जोड़ा जाएगा, जिससे इन राज्यों के वैज्ञानिकों भी रिसर्च कार्यों को बढ़ावा दे पाएंगे।
प्रो. टंकेश्वर कुमार, कुलपति, जीजेयू।
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