Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ग्रीन बेल्ट को लेकर सुंदर नगर निवासी दो गुटों में बंटे

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 05 Aug 2021 05:14 AM (IST)

    सुंदर नगर कालोनीवासियों ने ग्रीन बेल्ट तोड़ने के लिए चलाया हस्ताक्षर अभियान। ...और पढ़ें

    Hero Image
    ग्रीन बेल्ट को लेकर सुंदर नगर निवासी दो गुटों में बंटे

    सुंदर नगर कालोनीवासियों ने ग्रीन बेल्ट तोड़ने के लिए चलाया हस्ताक्षर अभियान

    जागरण संवाददाता, हिसार : सुंदर नगर की ग्रीन बेल्ट को लेकर कालोनी में विवाद बढ़ गया है। कालोनी के निवासी दो गुटों में बंट गए है। एक ग्रुप ने जहां ग्रीन बेल्ट को खाली करवाने के लिए हस्ताक्षर अभियान शुरु कर दिया है वहीं दूसरे ग्रुप ने नगर निगम की ओर से की जा रही कार्रवाई को गलत ठहरते हुए अपना पक्ष रख रहे है। ऐसे में ग्रीन बेल्ट को लेकर पनपा यह विवाद अब शहर में चर्चाओं में आ गया है। क्या है पक्ष विपक्ष की राय ग्रीन बेल्ट बचाने के पक्षधर

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    1. ग्रीन बेल्ट को बचाने वालों ने हस्ताक्षर अभियान शुरु कर दिया है। उन्होंने नौ बिदुओं पर जानकारी सार्वजनिक करते हुए कहा है कि ग्रीन बेल्ट पर कब्जा किया गया है। कुछ कब्जाधारियों ने अफसरों से सेटिग कर ग्रीन बेल्ट पर निर्माण सिरे चढ़ा दिए। जबकि यह ग्रीन बेल्ट है। जो आमजन के लिए इसे। हर सूरत में जनता के लिए खाली होना चाहिए। कोरोना ने दुनिया को आक्सीजन का महत्व बता दिया है। सुरेंद्र, बालकृष्ण, सुरेश, प्रीतम, सुमन सहित 50 सुंदर नगर निवासियों ने मांग की है कि कालोनी की ग्रीन बेल्ट को बचाया जाए।

    --------

    ग्रीन बेल्ट पर बने मकान बचाने के पक्षधर

    बार-बार नोटिस जारी कर नगर निगम मकान मालिकों पर बना रहा नाजायज दबाव

    2. सुंदर नगर में निवासी कृष्ण, प्रदीप सिंह ने नगर निगम पर अदालत की अवमानना का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें नगर निगम ने गैर कानूनी नोटिस दिए है। पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय के एक ओडर्स में आपदा कानून के अंतर्गत कोरोना महामारी के चलते स्टेट गवर्नमैंट, म्यूनिसिपल कार्पोरेशन, ग्राम पंचायत इत्यादि तोड़फोड़ संबंधी किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं कर सकती। अदालत ने इसके लिए 31 अगस्त 2021 तक की तिथि निर्धारित की हुई। इसके बावजूद निगम प्रशासन सुंदर नगर मकान मालिकों को नोटिस पर नोटिस जारी कर रहा है और उन्हें उनके भवन तोड़ने की धमकी दी जा रही है जो कि माननीय हाई कोर्ट के आदेशों की अवहेलना है। उन्होंने मांग की कि अवैध नोटिसों के आधार पर कोई कार्रवाई ना की जाए तथा इन पर स्थाई रोक लगाई जाए।