सब कमेटी चेयरमैन कविता केडिया और महेंद्र जुनेजा को शहरवासियों का लीगल नोटिस
शहरवासियों ने नगर निगम प्रशासन के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। जनहित में अतिक्रमण हटवाने सहित कई मांगों के लिए अनिल महला निगम गेट के पास अनिश्चितकालीन धरने पर बैठा है।
जागरण संवाददाता, हिसार : शहरवासियों ने नगर निगम प्रशासन के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। जनहित में अतिक्रमण हटवाने सहित कई मांगों के लिए अनिल महला निगम गेट के पास अनिश्चितकालीन धरने पर बैठा है। वहीं अब एक संस्था ने (भवन, रोड, नियम, कानून, सतर्कता एवं अतिक्रमण) सब कमेटी चेयरमैन कविता केडिया और महेंद्र जुनेजा को लीगल नोटिस भेजा है।
नोटिस के माध्यम से वार्ड-1 से 10 और वार्ड-11 से 20 में दोनों सब कमेटी चेयरमैन पर बाध्यकारी कार्य करवाने में असफल होने का आरोप लगाते हुए उनसे अपनी जिम्मेदारी न निभा पाने के प्रति जवाब मांगा गया है। हेतराम पार्क कालोनी निवासी राजीव सरदाना ने दोनों चेयरमैन को नोटिस भेजे हैं। वहीं दोनों ने किसी प्रकार नोटिस मिलने से इंकार किया है। चेयरमैन को निगम कानून के अंतर्गत बाध्यकारी कार्य करवाने अनिवार्य
संस्था प्रधान राजीव सरदाना ने कहा कि हमने 26 अगस्त से 9 सितंबर तक तीन पत्र भेजे। नगर निगम अधिकारियों एवं हाउस के सभी सदस्यों को मेयर की मार्फत से विकास कार्य कराने के लिए अनुरोध किया, लेकिन वह सिरे नहीं चढ़े। नगर निगम की धारा 43 (एन) के तहत यह बाध्यकारी कार्य हैं। पार्षद कविता केडिया और पार्षद महेंद्र जुनेजा इन दोनों सबकमेटी के चेयरमैन हैं। कर्मचारी पर जो नियम होते हैं लागू, वहीं पार्षद पर भी : एडवोकेट
एडवोकेट रमेश यादव ने कहा कि नगर निगम कानून 1994 की धारा 410 के तहत आचरण ठीक रहने तक पार्षद भी 5 साल तक के लिए सरकारी कर्मचारी है। नगर निगम कर्मचारियों पर जो नियम कानून लागू होते हैं, वह पार्षदों पर भी लागू होते हैं। धारा 43 के तहत निगम को कई प्रकार के बाध्यकारी कार्य करने होते हैं, जो नियम पार्षदों पर भी लागू है। साथ ही नगर निगम की धारा 34 (बी) (सी) (डी) के तहत पार्षद यदि अपना कार्य नहीं करता है, लापरवाही बरतता है और कार्य करने में असक्षम है तो उस पर कार्रवाई हो सकती है।
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