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फतेहाबाद में बस में लटककर सफर करने को छात्राएं मजबूर, वीडियो वायरल

फतेहाबाद में छात्राओं का बस में लटककर सफर करने का वीडियो वायरल हो रहा है। सरकार ने विद्यार्थियों के लिए सुबह के समय स्पेशल बसें ग्रामीण क्षेत्रों में चलवाई थी लेकिन कोरोना के दौरान इन बसों को एंबुलेंस के रूप में प्रयोग किया जाने लगा।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 09:37 PM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 09:37 PM (IST)
फतेहाबाद में बस में लटककर सफर करने को छात्राएं मजबूर, वीडियो वायरल
फतेहाबाद के परशुराम चौक के पास बीघड़ बस स्टैंड पर बस में चढ़ती छात्राएं।

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद। भले ही प्रदेश सरकार और रोडवेज विभाग गांव से शहर में पढ़ने आने वाली छात्राओं के लिए पूरी रोडवेज बस सुविधा उपलब्ध करवाने के दावे करे, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। ग्रामीण रूटों पर खासकर सुबह के समय बस की कमी के चलते ग्रामीण जान जोखिम में डालकर सफर करते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी सुबह के समय स्कूल कालेज के लिए शहर आने वाले विद्यार्थियों को होती है। अकसर बसों में लटककर वे सफर करते हैं। ताजा मामला गांव बीघड़ से सामने आया है। जहां सुबह बस का एक ही रूट होने की वजह से बस फुल भर जाने के बाद विद्यार्थी यहां तक कि छात्राएं भी बस पर लटककर शहर आती हैं।

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ग्रामीणों ने बताई वजह

इसका घटना का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सुबह एक बस बालसमंद आदमपुर से होकर फतेहाबाद आती है और ग्रामीण क्षेत्र की सभी सवारियां एक ही बस में सवार हो जाती है, जब तक फतेहाबाद डिपो की यह बस फतेहाबाद के गांवों में पहुंचती है तो पूरी भर जाती है। इसके बाद इस रूट पर पड़ने वाले फतेहाबाद के गांवों के विद्यार्थी बस में लटककर सवार होते हैं। इसके बाद काफी देर तक कोई बस नहीं और मात्र टैंपू या निजी वाहन ही चलते हैं और किराया ज्यादा वसूलते हैं। जिन बच्चों ने पास बनवा रखे हैं, वे मजबूरी में इसी बस पर सवार होते हैं। उन्होंने रोडवेज विभाग से ज्यादा सुविधा उपलब्ध करवाने की मांग की है।

बसों को बनाया गया एंबुलेंस

रोडवेज विभाग के यार्ड मास्टर ईश्वर सिंह का कहना कि यह सब समस्या कोरोना के चलते हुई है। सरकार ने विद्यार्थियों के लिए सुबह के समय स्पेशल बसें ग्रामीण क्षेत्रों में चलवाई थी, लेकिन कोरोना काल में स्कूल कालेज बंद हुए तो इन बसों को एंबुलेंस के रूप में प्रयोग किया जाने लगा, तब से यह बसें एंबुलेंस के रूप में ही प्रयोग हो रही हैं। उन्होंने बताया कि एक- दो दिन में इन बसों को वापस उसी रूप में सड़कों पर उतारा जाएगा ताकि ऐसी कोई दिक्कत सामने न आए।


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